छत्तीसगढ़

स्वामि: श्री अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती जी का 53 वां प्राकट्योत्सव परमहंसी(म.प्र.) में मनाया गया

स्वामि: श्री अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती जी का 53 वां प्राकट्योत्सव परमहंसी(म.प्र.) में मनाया गया

पण्डित देव दत्त दुबे
सहसपुर लोहारा,कवर्धा

परम पूज्य ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य जी महाराज के प्रिय शिष्य दंडी स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज का 53 वां प्राकट्योत्सव चातुर्मास सत्संग परमहंसि झोतेश्वर के सभागार में भव्य रूप से मनाया गया। जिसमें परम पूज्य दंडी स्वामि श्री सदानंद सरस्वती जी महाराज द्वारा स्वामी श्री को पगड़ी पहनाकर साल श्रीफल से स्वागत किया गया । पादुका पूजन सर्व ब्राह्मण सभा नरसिंहपुर द्वारा एवं माल्यार्पण ब्राह्मण सभा गोटेगांव द्वारा 53 किलो मिष्ठानार्पण किया गया । छत्तीसगढ़ से शङ्कराचार्य जन कल्याण न्यास के प्रबंध ट्रस्टी चन्द्रप्रकाश उपाध्याय द्वारा स्वामि: श्री के 53 वें प्राकट्योत्सव के अवसर पर स्वामि:श्री को रत्न जड़ित स्वर्ण उपहार भेंट किया गया एवं स्वामि: श्री के हांथों स्मृति चिन्ह भेंट कर हजारों की संख्या में उपस्थित भक्तों को वितरण करवाया गया , चन्द्रप्रकाश उपाध्याय के साथ में पवन मिश्रा, पूर्व विधायक मोतीराम चन्द्रवँशी, पण्डित देव दत्त दुबे, अतुल देशलहरा, हरेकृष्ण शुक्ला,बंटी तिवारी सहीत अनेकों भक्त कवर्धा जिले से उपस्थित रहे । आचार्य राजेंद्र शास्त्री, ब्रह्मचारी इनुभवानंद, ब्रह्मचारी निर्विकल्प स्वरूप, आचार्य रवि शंकर दुबे ने सभा को संबोधित किया, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक प्रजापति ने जगतगुरु कुलम के लिए 10 लाख रुपए देने की घोषणा की । संगीत में वाराणसी से कृष्ण कुमार तिवारी एवं संदीप तिवारी द्वारा सुंदर सोहर गीत की प्रस्तुति की गई । मंच संचालन आनंद तिवारी, यश कुमार तिवारी द्वारा किया गया । कार्यक्रम में हजारों की संख्या में श्रधालु उपस्थित रहे । जन्मोत्सव में सभी क्षेत्रवासी नरसिंहपुर, जबलपुर, श्रीधाम एवं छत्तीसगढ़ के भक्तों की असंख्य उपस्थिति कार्यक्रम को सफल बनाने में रही । प्रातः राजराजेश्वरी मंदिर में 1000 लड्डू का अर्चन एवं पूजन कार्यक्रम दिन भर रहा

*स्वामि: सदानन्द जी ने अपने उद्बोधन में कहा*

जिन के अवतरण दिवस में हम सभी उपस्थित हुए हैं स्वामि: अविमुक्तेश्वरानंद जी, मनुष्य शरीर पाना दुर्लभ, मनुष्य शरीर में ब्राह्मण शरीर, उसमें वैराग्य होना, उत्तरोत्तर श्रेष्ठ माने जाते हैं, ब्रह्मचारी से सन्यासी श्रेष्ठ है, सबका गुरु ब्राह्मण, उसका गुरु सन्यासी, उनका गुरु शङ्कराचार्य । आत्म दर्शन से सब एक हैं, स्वामि जी और हम एक हैं, आज स्वामि जी का ही नहीं हमारा ही जन्मदिन मनाया जा रहा है । हमारे स्वामि जी परमार्थ जीवी हैं यह हमेशा अपने लिए नहीं परमार्थ के लिए हर काम करते हैं, इसी तरह देश और धर्म की सेवा करते हैं |

*शङ्कराचार्य जी के निज सचिव ब्रह्मचारी सुबुद्धानंद जी ने अपने उद्बोधन में कहा*

हम सभी जन्मदिन मना रहे हैं स्वामि जी बचपन से ही कर्मठ थे ,गंगा जी के लिए बहुत काम किया। ऐसे अनेकों कार्य किए, यहां गुरुकुलम, काशी में चारों वेदों में सभी शाखाओं का अध्ययन कराया, जो आज पूरे भारत में यहां के वैदिक पढ़ाये जा रहे हैं, इन्हीं स्वामी जी की मेहनत का फल है कवर्धा में 108 फिट का भगवा ध्वज फहराकर सनातन धर्म की रक्षा की । हमारे लिए दोनों स्वामि जी एक भाई की तरह हैं । बहुत उन्नति करें और उनकी यशकीर्ति निरंतर बढ़ती रहे यही हमारी शुभकामनाएं हैं, बहुत-बहुत बधाई ।

*स्वामि: श्री अविमुक्तेश्वरानन्द: ने अपने उद्बोधन में कहा*

जन्मदिन अब बर्थडे हो गया है, यह आक्रामक तरीके से कर रहे हैं । यह स्वरूप भारत में हो गया, भारत में भारतीयों के ऊपर आक्रमण हो रहे हैं, ऐसे समय में हम सभी जन्मदिन मना रहे हैं, जगद्गुरु जी का आविर्भाव लोग मनाते रहे हैं । हमने गुरूजी से प्रश्न किया था सन्यासी का जन्मदिन कैसा, गुरुजी ने बताया, दो बातें हैं ,जन्मदिन का स्वरूप समाप्त हो रहा है इसलिए तिथि में जन्मदिन मनाएं, सभी का जन्मदिन तिथि में मनाना चाहिए, हम 100 करोड़ सनातनी भगवान राम कृष्ण का जन्म तिथि अनुसार मनाते हैं, उसी तरह अपना जन्मदिन भी तिथि अनुसार मनाना चाहिए । दूसरी बात गुरु के जन्मदिन को जन्मतिथि पर आदर से उत्सव पूर्वक मनाना चाहिए |

*गुरु का जन्मदिन मनाना शास्त्रोक्त है*
अंग्रेजीयत को छोड़ना है और इसमें उन्नति हो रही है, भारतीय तिथियों में जन्मदिन मनाना चाहिए, अंग्रेजी हमें भाषा रूप में स्वीकार है ,पर वह भारत में अंग्रेजीअत लेकर आए यह हमें स्वीकार नहीं है ।
जगतगुरु कुलम् की ओर से प्रधानाचार्य पद्मनाभधर द्विवेदी और निरीक्षक आचार्य कृष्ण कुमार द्विवेदी एवं प्रबंधक अरविंद मिश्र एवं अध्यापक वेदा अध्यापक तुलाराम तिवारी एवं सभी ने मिलकर 53 किलो की माला से पूज्य स्वामी श्री का माल्यार्पण किया ।

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