मड़ेली अघौड़ मठ में ज्योतिर्लिंग की द्वितीय स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया
*मड़ेली अघौड़ मठ में ज्योतिर्लिंग की द्वितीय स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया।*
मड़ेली
*मड़ेली-छुरा/* गरियाबंद जिला के छुरा जनपद पंचायत अन्तर्गत ग्राम मड़ेली के आखिरी छोर में अघौड़ मठ स्थापित किया गया है, जिसमें बारह साल बाद महाअघोरेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई है। दिनांक 20/07/2022 दिन बुधवार को महाअघोड़ेश्वर ज्योतिर्लिंग की द्वितीय स्थापना दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। उत्सव की शुरुआत अघोड़ मठ के संस्था प्रमुख बाबा जी के द्वारा अघोड़ मठ में विराजमान ज्योतिर्लिंग की पूजा अर्चना की।साथ ही पाठ, महामृत्युंजय जाप किया। महोत्सव में सावन को समर्पित एक से बढ़कर एक गीत और नृत्य से ऐसा रंग जमाया कि वहां उपस्थित भक्त जन अपने आप को रोक नहीं सका और जमकर धमाल मचाए । संस्था प्रमुख ने इस मौके पर सभी सम्माननीय बड़े बुजुर्ग, महिलाएं, युवा साथियों एवं बच्चों का स्वागत किया। सभी सम्माननीय अध्यात्म में विलीन हो गये।
अघोड़ मठ के संस्था प्रमुख ने बताया कि ज्योतिर्लिंग शब्द का अर्थ है प्रकाश स्तंभ। पुराणों के अनुसार, भगवान एक ज्योति के रूप में पृथ्वी पर प्रकट हुए थे। पृथ्वी पर 12 अलग-अलग जगहों पर दिव्य ज्योति के रूप में परमपिता परमेश्वर स्वयं विराजित हुए थे और इन्हीं जगहों को ज्योतिर्लिंग कहा जाता है।
बाबा जी ने आगे कहा *ज्योतिर्लिंग क्या है?*
यदि आप शिव पुराण पढ़ें तो वहां एक कथा का वर्णन है जिसके अनुसार एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु भगवान में बहस छिड़ गई कि कौन सर्वश्रेष्ठ है। दोनों ही अपने आप को सर्वश्रेष्ठ बताने लगे और इस समस्या का हल निकालने के लिए भगवान शंकर एक प्रकाश स्तंभ के रूप में प्रकट हुए।
भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा जी से जब इस प्रकाश स्तंभ का कोई भी एक सिरा ढूंढने को कहा गया तो भगवान विष्णु ऊपर की ओर और ब्रह्माजी नीचे की ओर गए परंतु दोनों ही इस कार्य में असफल रहे। बाद में शिवजी ने इस प्रकाश स्तंभ को पृथ्वी पर गिरा दिया जिसे आज आप और हम ज्योतिर्लिंग के नाम से पुकारते हैं।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में श्री मति लक्ष्मी गजेन्द्र ठाकुर (सरपंच), गजेन्द्र ठाकुर, तेजराम निर्मलकर, यादराम निषाद, सीमा निषाद,पल्लवी निर्मलकर, हेमसिंग सिन्हा, संतोषी सिन्हा, ग्रामीणजन एवं आसपास के श्रद्धालुगण अधिक संख्या में उपस्थित रहे।