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अद्भुत हैं 5000 वर्ष प्राचीन पांडवों के द्वारा निर्मित शिवलिंग! जहां समुद्र करता हैं , शिवलिंग का जलाभिषेक 

भारतवर्ष के गुजरात प्रांत में स्थित दीव शहर से लगभग तीन किलोमीटर दूरी पर फादुम गांव में गंगेश्वर महादेव ।
ऐसी मान्यता हैं कि इस दिव्य शिवलिंग का निर्माण महाभारत काल में पांडवों द्वारा किया गया था । जिंदगी एक सफर हैं और हम सब इसके मुसाफिर । प्रियवर दंपति राजेश कुमार सोनी एवं उनकी अर्धांगिनी श्रीमति दुर्गा देवी और तीन बच्चें ईशान, सुश्री मुस्कान और सुश्री ख़ुशी बिटियां रानी की यात्रा की शुरुआत चांपा से हुई और विभिन्न स्थलों की यात्रा करते हुए गंगेश्वर महादेव के मंदिर किनारे दिखाई दे रहें हैं । शिवलिंग समुद्र तट के किनारे पर ही स्थित हैं । समुद्र में ज्वार आने पर यह शिवलिंग समुद्र में डूब जाता हैं , इस अद्भुत दृश्य को राजेश सोनी दंपति ने वहां जाकर अपने कैमरे में कैद किया हैं , जिसे देखकर मन प्रफुल्लित हो गया । मंदिर का नाम गंगेश्वर महादेव मंदिर हैं । गंगेश्वर भगवान् शिवजी का ही एक नाम हैं , ,जो धरती में गंगा मां को अपनी जटा में धारण करके गंगा मैय्या का अवतरण माना जाता हैं । साहित्यकार शशिभूषण सोनी ने बताया कि गंगेश्वर मंदिर को सीशोर मंदिर के नाम से भी जाना जाता हैं । दूर-दूर तक फैले हुए समुद्र तट,हल्की हल्की बूंदा-बांदी , शिव मंदिर का पवित्र वातावरण , लहरों के आने-जाने की आवाज़ें मन को पवित्र और निर्मल बनाता हैं । आज़ प्रियवर दंपति राजेश कुमार सोनी ने स्थल का भ्रमण किया और अद्भुत शक्ति और सौंदर्य का नज़ारा लिया । शिवलिंग पर समुद्र स्वयं जला अभिषेक करते हैं , यह तो सुना था लेकिन आज चित्र देखकर दर्शन का लाभ प्राप्त हुआ । शिवलिंग समुद्र के किनारे पर ही हैं और समुद्र तट में ज्वार आने पर यह शिवलिंग डूब जाता हैं । शिवजी आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें और आपकी यात्रा मंगलमय हो ।

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