हरियाली प्रसार योजना के तहत पचास से पांच सौ तक ले सकते हैं पेड़- डीएफओ शशि कुमार
भिलाई। संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) शशि कुमार ने आज बताया कि छत्तीसगढ़ की हरियाली प्रसार योजना के तहत उनकी नर्सरी में बड़ी संख्या में पौधे उपलब्ध हैं। योजना के तहत कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था ५० से ५०० तक पौधे रोपण के लिए वहां से नि:शुल्क ले सकती है। वे उड़ान संस्था द्वारा आयोजित तेज चाल प्रतियोगिता के पारितोषिक वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं नगर पालिक निगम के स्वास्थ्य प्रभारी लक्ष्मीपति राजू ने की।
सेक्टर-७ स्थित पार्षद लक्ष्मीपति राजू के कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लक्ष्मीपति राजू ने कहा कि कोरोना ने हमें ऑक्सीजन का महत्व समझा दिया है। उड़ान संस्था द्वारा आयोजित इस तेज चाल प्रतियोगिता का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति चेतना जगाना एवं स्वयं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना है। उन्होंने कहा कि किसी भी अच्छे और सामाजिक कार्य के लिए पार्षद कार्यालय तथा उनकी टीम का सहयोग हमेशा मिलता रहेगा।
वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रशिक्षक दीपक रंजन दास ने आयोजकों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महिलाएं जिस भी क्षेत्र में लीड लेती हैं, कुछ न कुछ कर गुजरती हैं। उड़ान एक मंजिल ने अनेक क्षेत्रों में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। निरंतरता ही सफलताकी कुंजी है। आरंभ में उड़ान की अध्यक्ष अंजू साहू ने कहा कि बीती रात की बारिश और अंधड़ के बाद रातभर कई क्षेत्रों में बिजली गुल थी। लोगों ने आंखों में रात काटी।
इसके बावजूद सुबह ५० से अधिक महिलाओं एवं दर्जन भर पुरुषों की उपस्थिति बताती है कि लोग पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर जागरूक हैं। कार्यक्रम में वयोवृद्ध तेज चाल खिलाड़ी गिरिजा शंकर गजपाल, मोटरसाइकिल पर देश भर की एकल यात्रा चुकी डॉ नम्रता सिंह तथा साड़ी में बुलेट पर कर्तब दिखाने वाली प्रभा हुसैन ठाकुर जैसे लोगों की उपस्थिति ने उनका हौसला बढ़ाया है।
इससे पहले तेज चाल प्रतियोगिता को डीएफओ ने झंडा दिखाकर रवाना किया। प्रतिभागी पार्षद निवास से निकलकर कल्याण महाविद्यालय का चक्कर काटने के बाद यहीं लौट कर आए। तीन आयु वर्गों में आयोजित इस प्रतियोगिता में १५-२१ वर्ष बालिका में प्रथम पुरस्कार केशरी, द्वितीय पुरस्कार दीपिका तथा तृतीय पुरस्कार पूनम को प्रदान किया गया। २१-३५ वर्ष बालक वर्ग में अभिषेक अकेले प्रतिभागी थे। ३५ से अधिक पुरुष में आनंद, बसंत और गिरिजा शंकर को क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार दिया गया। सभी प्रतिभागियों को छायादार वृक्षों का पौधा दिया गया।