बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कवर्धा में संपन्न हुआ तीन दिवसीय विद्यार्थी शिविर
*बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कवर्धा में संपन्न हुआ तीन दिवसीय विद्यार्थी शिविर*
विद्यार्थी एक नन्हें से कोमल पौधे की तरह होता है। उसे यदि उत्तम शिक्षा दीक्षा मिले तो वह नन्हा सा कोमल पौधा भविष्य में विशाल वृक्ष बनकर पल्लवित और पुष्पित होता हुआ अपने गौरव से संपूर्ण चमन को महका सकता है| लेकिन यह तभी संभव है जब उसे कोई योग्य मार्गदर्शक मिल जाए, कोई समर्थ गुरु मिल जाए और वह दृढ़ता तथा तत्परता से उनके उद्दिष्ट मार्ग का अनुसरण कर ले।
वर्तमान शिक्षा प्रणाली के द्वारा बालकों को ऐसी शिक्षा दीक्षा दी जा रही हैं कि बड़ा होते ही उसे सिर्फ नौकरी की ही तलाश रहती है। आज कल का पढ़ा लिखा हर नौजवान मात्र कुर्सी पर बैठने की नौकरी करना पसंद करता है। उद्यम व्यवसाय या परिश्रम के कर्म को करने में हर कोई कतराता है। यही कारण है कि देश में बेरोजगारी, नशाखोरी,और अपराधिक प्रवृति बढ़ती जा रही हैं। आज की युवा पीढ़ी उचित मार्गदर्शन के अभाव में मार्ग से भटक गई हैं।
*स्वामी विवेकानंद भवन-कवर्धा…*
बच्चों को सही मार्गदर्शन देने के लिए उन्हें संस्कारवान बनाने के लिए परम पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की पावन प्रेरणा से विगत 60 वर्षों से देशभर में विद्यार्थी उज्ज्वल भविष्य निर्माण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। हर वर्ष देशभर में हजारों की संख्या में होने वाले इन विद्यार्थी शिविरों में लाखों बच्चे हिस्सा लेते हैं,और आगे बढ़ते हैं| इसी कड़ी में *स्वामी विवेकानंद भवन-कवर्धा* में भी छात्राओं के लिए तीन दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया था। जिसका आज पुरस्कार वितरण के साथ समापन हुआ। छात्रों का शिविर 15 से 21 मई को भोरमदेव आश्रम में संपन्न हुआ था।
शिविर में बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ जीवन के हर क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ा जाए,अच्छे मार्क्स कैसे लाये, स्वस्थ रहने की कुंजियां, आसन, प्राणायाम और अपनी योग्यताओं को विकसित करने की बातें भी सिखाई गई। साथ ही शिविर में आयोजित विभिन्न खेल स्पर्धाओं में हिस्सा लेकर बच्चों ने पुरस्कार भी जीते।
इस मौके पर शिविर शिक्षक के तौर पर रजनी ठाकुर, स्वाति नूरुटी, सरिता लहरें, मंजू वर्मा उपस्थित रहे। वहीं वरिष्ठ सेवाधारियों में गायत्री यादव, सुलोचना तारम, मंजू साहू, लक्ष्मी साहू, कलिंद्री साहू, रानी साहू सहित दर्जनों सेवाधारी के साथ-साथ सैकड़ों शिविरार्थी बच्चे भी उपस्थित रहे।