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महिला सफाई कर्मियों की राशि बीएसपी के ठेकेदार ने हड़पा,रिपोर्ट दर्ज नही

भिलाई। महिला सफाई कर्मियों के साथ धोखाखड़ी के मामले में पुलिस द्वारा ठेकेदार को संरक्षण दिये जाने का आरोप लगाते हुए आप के जिलाध्यक्ष  मेहरबान सिंह एवं आम आदमी पार्टी के दुर्ग के वरिष्ठ नेता डा. एस के अग्रवाल ने पत्रकारवार्ता में कहा कि पुलिस अधीक्षक का कहना है कि यह मामला कांन्ट्रेक्ट लेबर एक्ट का है, तथा इसकी शिकायत श्रम विभाग से की जाये। इन्होंने आगे बताया राजनांदगांव निवासी बीएसपी का कांटेक्ट्रर बल्लू राठौर बीएसपी के स्कूलों में साफ सफाई के लिए बीएसपी से कांटे्रक्ट लिया और उसमें दुर्ग के बघ्ेारा की 52 महिलाओं को काम पर 5 हजार रूपये महिना के वेतन पर रखा और इन सभी का राजनांदगांव के बंधन बैंक में इन सभी महिलाओं का खाता खुलवाया और इन सभी का पासबुक और एटीएम स्वयं बैंक से लेकर रख लिया और महिना में 9 हजार का वेतन और उसमें पीएफ कटोैती कर 8 हजार कुछ रूपये इनके खाते में पैसा डालकर उसी दिन राजनांदगांव के ही एटीएम से इन सभी महिलाओं का पैसा निकाल लेता था

और इनको डेढ डेढ महिना पर मात्र 2500-2500 सौ रूपये यह कहकर देता  था कि अभी बीएसपी से पेमेंट पास नही हुआ है, पास होने पर दिया जायेगा, जबकि बीएसपी से पूरा वेतन लेकर 25-25 सौं रूपये देकर पूरा पैसा डकार गया। इस प्रकार इस ठेकेदार ने दुर्ग की रहने वाली 52 महिला सफाईकर्मियों के साथ धोखाधड़ी की है। जिसकी पूर्व में भ_ी थाना में शिकायत की जा चुकी है, भटठी थाना में इनका  बयान दर्ज करने के बाद यह मामला दुर्ग का बताते हुए इस केस को दुर्ग ट्रांस्र्फर कर दिया जहां दुर्ग के तत्कालीन थानेदार ने भी ठेकेदार पर मामला दर्ज नही किया गया और टीआई द्वारा कहा गया कि इन सभी 52 महिलाओं का 1 लाख 32 हजार रूपये दिलवा सकता हूं। सभी का बकाया पूरा 9 लाख रूपये नही दिलवा पाऊंगा। जिस पर पीडि़त महिलाओं ने कहा कि सर ये तो हम लोगों का मात्र 1 माह का वेतन है, बाकी वेतन भी दिलवाये उसके बाद दुर्ग पुलिस ने इस मामले में कोई कार्यवाही नही की। इसके बाद इन महिलाओं को लेकर आप पार्टी द्वारा एसपी डॉ. अभिेषक पल्लव के पास गये

तो उन्होंने कहा कि यहां पदस्त पूर्व एसएसपी और वर्तमान आईजी मीणा ने कहा है कि इस मामले में पहले मुझसे बात करने के बाद ही कोई कदम उठाना, आप लोग आईजी मीणा के पास जाये,या न्यायालय जाये तो हमने उनसे कहा कि न्यायालय में धाराओं के अनुसार नियमानुसार डेढ से दो साल केस दायर में लग जायेगा तो वे नाराज होकर हम लोगों के साथ सीधे दुव्र्यवहार किये और हम लोगों को अपने कार्यालय से निकलवा दिये। इस मामले को लेकर जब आईजी मीणा के पास गये  और इस बारे में बताये कि एसपी ने कहा है कि आपके आदेश के बाद ही ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज होगा तो आईजी ने कहा कि ऐसा नही एसपी का अधिकार है

 वह मामला दर्ज करने का आदेश दे सकते है। इसी दौरान एसपी का फोन आईजी के पास आ गया और उसके बाद आईजी ने कहा कि इस मामले की जांच की जायेगी और आज पर्यंत तक जांच नही हुई। इन गरीब,अपनपढ और पीडि़त महिलाओं के साथ हुए धोखाधड़ी पर पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नही की  जा रही है। इन्होंने कहा कि जब पुलिस अधीक्षक ही तैयार नही है एफआई दर्ज करने  तब न्याय की आशा किससे की जाये। मेबरबान सिंह ने कहा कि पीडि़त महिलाओं के न्याय के लिए जाने पर एसपी द्वारा हमसभी लोगों से किये गये दुव्र्यवहार पर शपथ पत्र के साथ उनपर कार्यवाही के लिए मुख्यमंंत्री को आवेदन दिया गया है।


पत्रकारवार्ता में कुंती कुभकार सहित अन्य पीडि़त महिलाओं ने बताया कि जैसा के आप लोगों को मेहरबान सिंह ने बताया इस प्रकार से हमारे साथ धोखाधड़ी किया गया तक कि बीएसपी द्वारा हम सभी लोगों का जारी गेटपास का ऑरिजनल भी नही दिया गया बल्कि उसका फोटोकापी कराकर दिया गया है। पीएफ जमा होने की बात कही जा रही है, जब पीएफ नंबर मांगा गया और जब पीएफ की जानकारी लेने गये तो पीएफ कार्यालय में कहा गया कि पीएफ जमाकराने वाले कंपनी का नाम नही है,हम नही बता पायेंगे कि आपका पीएफ कैसे कितना जमा है। इन सभी पीडि़तों ने कहा कि हम मजबूर होकर मीडिया के पास आये है, आपलोग हमे हमारा बकाया वेतन दिलवाने में मदद करें। इस दौरान पत्रकारवार्ता में आप के जसप्रीत, इब्राहिम,देवेन्दर, के ज्योति, के अलावा पीडि़त कुन्ती कुंभकार, उमा,सुखबती,झरना,कौशल्या राखी,गायत्री,रानी और लालेश्वरी साहू सहित कई पीडि़त महिलाएं मौजूद थी।

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