छत्तीसगढ़

सत्य_परेशान_हो_सकता_है_पराजित_नहीं

#सत्य_परेशान_हो_सकता_है_पराजित_नहीं

आज से 4 वर्ष पूर्व की घटना है , जब हम हमारे गाँव दोंदेखुर्द के जलस्तर को सुधारने , प्राचीन माँ खल्लारी मंदिर को बचाने , व गाँव मे हो रहे प्रदूषण के कारण सिलिकोशिस नामक बीमारी से गाँव को बचाने के उद्देश्य के साथ अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे , यह संघर्ष शुरू हुआ नवम्बर 2017 में जब गाँव के ग्रामीणों के साथ कलेक्टर ऑफिस व खनिज विभाग में जाकर अपील करते हुए आस पास के गाँव का एक मात्र जल का स्रोत खल्लारी खदान के पानी को बाहर न फेकने का ज्ञापन सौपे जिससे खनन माफियाओं में हड़कंप मचा और वे लोग हमें डराने धमकाने लगे , इन सब के बीच खनिज विभाग में सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेजो से पता चला कि दोंदेखुर्द , मटिया , लालपुर , छपोरा , दोन्दे कला में हो रहे A ग्रेड चुना पत्थर की खुदाई अवैध है । फिर हम लोगो के द्वारा इस पर रोक लगाने के लिए बार बार खनिज विभाग के अधिकारियों व कलेक्टर रायपुर से शिकायत किया गया , अधिकारी इस पर मौन थे फिर हम ग्रामीणों ने संगठित होकर गाँव के नवीन प्राथमिक शाला , मिनी स्टेडियम , व रहवासी जगह दुर्गापारा में तालाब खनन के नाम पर शुरूवात हो रहे अवैध खनन पर जाकर अवैध खनन में उपयोग हो रहे वाहनों को पकड़कर खनिज विभाग के इंस्पेक्टर बारीक के हवाले किया तथा विभिन्न न्यूज़ पेपर व न्यूज़ चैंनलों को बुलाकर हो रहे अवैध खनन पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया । इन सबसे घबराकर खनन माफियाओं व कुछ क्षेत्रीय नेताओं द्वारा हमे समझाने का प्रयास किया गया कि इन सब मामलो में तुम लोग मत पड़ो ये लोग बड़े लोग है ।
जब उनके बातो को हम नहीं माने तो उन लोगो के द्वारा हमें धमकाते हुए हमारे साथ मारपीट का चेतावनी दिया गया , जब इनसे भी हम नही टूटे और संघर्ष को और तेजी से बढ़ा दिए तब उनके मालिक द्वारा हमें पैसो का लालच देकर खरीदने की कोशिश किया गया । जब इन सबसे बात नहीं बना तो खनन माफियाओं द्वारा थाना प्रभारी के मिलीभगत से संविधान को टाक पे रखते हुए एक ही मामले में मारपीट व रॉबरी का 2 झूठा रिपोर्ट दर्ज कराया गया। इस पर बिना किसी जाँच के ही हम पर कार्यवाही करते हुए हमारे घरों में आकर पुलिस द्वारा गिरफ्तारी देने को कहा गया। उक्त विषय मे जब हमने वकील साहब से चर्चा किया तब उन्होंने अग्रिम जमानत का रास्ता सुझाया और तब तक हमे गाँव से बाहर रहने को कहा गया।
अग्रिम जमानत के लिए वकील के माध्यम से पहले लोवर कोर्ट में लगाया गया जहाँ खारिज हो गया फिर सेशन में लगा वहाँ भी खारिज हो गया हाई कोर्ट में दरख्वास्त लगाया गया जहाँ हमारे वकील ने हमारा पक्ष ठीक तरह से नही रखा और खनन माफियाओं से सेटिंग होकर अग्रिम जमानत खारिज करा दिया। इन सब कारणों से हमे 4 महीने तक अपने गाँव , घर परिवार से दूर रहना पड़ा । झूठे रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद भी खनन माफियाओं का मन नहीं भरा उनके द्वारा हमारे घर मे परिवार वालो को हर तरीके से तोड़ने का प्रयास किया गया । इधर हम लोग मैं सूरज टंडन (तात्कालिक उपसरपंच दोंदेखुर्द ), गोकुल छेतीजा ( महामंत्री भाजयुमो विधानसभा मण्डल ) व कान्हा उर्फ भरत तिवारी 4 महीने से सबसे दूर कष्टदायक जीवन जीने को मजबूर हो गए थे । हमें बचाने के लिए हमारे घर परिवार , गाँव वालों के अलावा एक मैडम जी व सर् भी अथक प्रयास कर रहे थे । जिस दिन हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत खारिज किया मुझे आज भी याद है मित्रों हम तीनों भाई व मैडम जी सब लोग रो रहे थे इसलिए नही की हम टूट चुके थे बल्कि इसलिए कि सच्चाई के इस लड़ाई में हमें भगवान और कितना कष्ट देंगे। और फिर हमारे बीच सिर्फ 2 ही रास्ते बचे थे या तो हम अपने आपको पुलिस के हवाले करके अपने आपको कुशुरवार मान ले या अपने आप को बेगुनाह साबित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में अग्रिम जमानत की याचिका लगाए।
तभी भगवान ने एक नया रास्ता खोला और एक क्रिमिनल लॉयर ने हमें इस मामले में स्टे मिल जाने का बात बताया उन्होंने जब पूरा मामला को सुना तो उसने कहाँ तुम लोग सच्चाई के लिए अपने गाँव के लिए लड़ रहे हो बेटा इंशाल्लाह तुम्हारा काम हो जाएगा। 15 दिवस के भीतर हाई कोर्ट ने रॉबरी वाला रिपोर्ट को निरस्त किया और मारपीट वाले रिपोर्ट में हमारे गिरफ्तारी पर स्टे लगा दिया ।

कहते है मित्रो की अगर आप सच्चाई के लिए लड़ाई लड़ोगे तो आपको बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ेगा लेकिन एक दिन जीत सच्चाई का ही होता है।

स्टे मिलने के बाद आज 4 महीने के लंबे संघर्ष के बाद 4 वर्ष पूर्व दिनाँक 21/05/18 को हम लोग अपने गाँव अपने मातृभूमि में वापस आये थे जिसके उपलक्ष्य में ग्रामीणों द्वारा हमारे स्वागत के लिए शौर्य रैली का आयोजन किया गया व फूल माला व गुलाल खेलकर तथा गाव के लोग dj में नाचकर खुशी मनाये थे ।

इस संघर्ष में हमारे साथ देने वाले उन सभी मेरे गाँव के देवतुल्य ग्रामीणों , मैडम जी – सर् जी , घर से बाहर रहते हुए जिनके यहाँ हम रुके थे उन सभी को , हमारे घर परिवार के साथ साथ उन सभी इष्ट मित्रो का तहेदिल से धन्यवाद कहना चाहूँगा।
आप सभी ने जो एहशान हम लोगो के ऊपर किया है हम सभी उसके सदैव आभारी रहेंगे।

तथा मुझे इस बात का सदैव गर्व रहेगा कि उपसरपंच रहते हुए गाँव के हर छोटे से छोटे तथा बड़े से बड़े मुद्दों को हल करने का प्रयास किया था। तथा बुराई के खिलाफ हमेशा अपना आवाज बुलंद किया और उन लोगो से कभी डरा नही और न ही कभी झुका।

आपका अपना

सूरज टंडन
( पूर्व उपसरपंच दोंदेखुर्द)
गोकुल छेतीजा
(पूर्व महामंत्री भाजयुमो विधान सभा मण्डल)
भरत कान्हा तिवारी
(पूर्व प्रदेश कार्यसमिति सदस्य abvp छत्तीसगढ़)

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