छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

अपने 15 मांगों को लेकर जनसंगठनों द्वारा 15 मई को करेंगे जेल भरो आंदोलन

भिलाई। चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज कचंादूर के सरकारी अधिग्रहण के बाद आंदोलनरत लगभग 100 कर्मचारियों की मांग जायज है, हालांकि उच्च न्यायालय ने 2 मई को अपनेएक फैसले में नई भर्ती से संबंधित स्टे को हदा दिया है फिर भी कर्मचचारियोंका ग्रांउड बनता है क्योंकि कर्मचारी अपनी आजीविका और जीव के लिए संघर्ष कर रहे है, इनके पास कोई दूसरा विकल्प नही है। कोरोनाकाल में यहां के सभी कर्मचारी अपनी जान की बाजी लगाकर तन मन से मरीजों की सेवा कर लोगों की जान बचाने का कार्य किये है,

इसलिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए इन सभी कर्मचारियों का संविलियन किया जाये। उक्त बाते पत्रकारों से चर्चा करते हुए कलादास डहरिया और किसान नेता अधिवक्ता राजकुमार गुप्ता ने कही। उन्होंने आगे कहा कि यह बड़ी बिडम्बना है कि 8 महिने से आंदोलरत कर्मचारियों से मिलने के लिए प्रदेश के मुखिया के पास 5 मिनट का भी समय नही है। इसी तरह से हसदेव क्षेत्र में कोयला संकट का बहाना बनाकर कोल माइंस को हथियाने का कारपोरेट घराना और सरकार की चाल है, वह पूर्णता अनुचित है। प्रदेश सरकार निरंकुश हो गई है।

चाहे वह बस्तर क ेआदिवासियों का अंादोलन हो, रायपुर में किसानों का आंदोलन हो,पुनर्वास व विस्थापन से संबंधित आंदोलन हो। इसी प्रकार औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों को 12-12 घंटा काम करने के बावजूद न्यूनतम वेतन नही दिया जा रहा है। सरकार शराबबंदी का वादा भी पूरा नही कर रही है।

आंगनबाड़ी, मितानिन महिलाओं का आंदोलन भी लगातार चल रहा है, लेकिन सरकाुर के कान में जूं तक नही रेंग रहा है। इन मांगों के अलावा और  15 मांगों को लेकर जनसंगठनों द्वारा 15 मई को जेल भरों आंदोलन करने जा रही है। जिसमें करीब 3 सौ लोग भाग लेने जा रहे है। इसके लिए दोपहर 2 बजे जेल के पास सभी लोग एकत्रित होंगे।

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