सनातन धर्म सहिष्णुता से ओतप्रोत- हिमान्शु महाराज

मुंगेली-समीपस्थ ग्राम चक्रभट्टा मे स्वर्गीय शत्रुघनलाल साहू की स्मृति मे आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान मे सारधा लोरमी से पधारे कथावाचक व्यास डाक्टर सत्यनारायण तिवारी हिमान्शु महाराज ने भागवत को भवरोग की दवा एवम भक्ति ज्ञान तथा वैराग्य का समुच्चय बतलाया। उन्होने भारतीय सभ्यता व संस्कृति को विश्व की सबसे प्राचीन सनातन संस्कृति कहा।डाक्टर तिवारी ने सनातन धर्म को सहनशीलता, उदारता तथा सहिष्णुता से ओतप्रोत बतलाया।वेद, पुराण, महाभारत,रामायण तथा भगवतगीता और श्रीमद्भागवत जैसे सनातन ग्रन्थो विश्व का उत्कृष्ट, प्रामाणिक, समसामयिक, सार्वकालिक सार्वभौमिक तथा सर्वकल्याणकारी निरूपित किया।परमहंस शुकदेव द्वारा राजर्षि परीक्षित के माध्यम से समस्त जीवो के कल्याण हेतु भागवत कथामृत प्रदान किया गया है जो देवदुर्लभ भी है।जडभरत, ध्रुव, प्रह्लाद, रंतिदेव, शिविर,दधीचि, रघु दिलीप, अंबरीश, जैसे महापुरुषो के चरित्र से समाज को एक नयी दिशा तथा नया दृष्टिकोण प्राप्त होता है।कथा के दौरान भगवान वामन,भगवान श्रीराम तथा भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की झाकी प्रदर्शित की गयी।उक्त अवसर पर श्रवण साहू श्रीमती वीणा साहू डाक्टर कलेश्वर साहू,श्रीमती सरिता दुष्यन्त साहू,वैशाली साहू,विशाल साहू,शनिसाहु सहित सैकड़ो श्रद्धालु नर नारी उपस्थित थे।