बोरे बासी’ से श्रम को सम्मानः मुख्यमंत्री ने मजदूर दिवस पर की बासी खाने की अपील-’गजब विटामिन भरे हुए हे छत्तीसगढ़ के बासी मा’Honor to labor with ‘sack stale’: Chief Minister appeals to eat stale on Labor Day – ‘The stale mother of Chhattisgarh is full of amazing vitamins’

बोरे बासी’ से श्रम को सम्मानः मुख्यमंत्री ने मजदूर दिवस पर की बासी खाने की अपील-’गजब विटामिन भरे हुए हे छत्तीसगढ़ के बासी मा’
कवर्धा, 29 अप्रैल 2022। छत्तीसगढ़ में तीज-त्योहार सरकारी तौर पर मनाने की शुरुआत करने के बाद राज्य सरकार ने आहार को भी छत्तीसगढ़िया गौरव से जोड़ दिया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ की संस्कृति को बचाने में विशेष जोर भी दे रहे है। छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। यहां किसानों और मजदूरों की दिनचर्या और खान-पान की शुरूआत भी किसानों-मजदूरों का आहार कहे जाने वाले बोरे बासी से हो रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मजदूर दिवस यानी एक मई को श्रम को सम्मान देने के लिए सभी से बोरे बासी खाने की अपील की है। कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने जिले में मजदूर दिवस पर किसानो और मजदूरों के प्रमुख आहार बोरे बासी को बढ़ावा देने के लिए आग्रह भी किया है। उन्होने कहा कि समान्यतः बोरे बासी गर्मी के दिनों में इसी प्रचलन ज्यादा है। हमे बोरे बासी गर्मी से बचाने में राहत भी मिलती है। बोरे बासी के साथ प्याज और आम के आचार जिसे अथान कहा जाता है, उसे भी साथ में खाने की एक व्यंजन भी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियों जारी कर बोरे बासी के तहत्व को बतलाया है। उन्होने कहा कि सबको पता है कि हर छत्तीसगढ़िया के आहार में बोरे बासी का कितना महत्व है। हमारे श्रमिक भाइयों, किसान भाइयों और हर काम में कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली हमारी बहनों के पसीने की हर बूंद में बासी की महक है। मुख्यमंत्री ने कहा, जब हम कहते हैं कि “बटकी में बासी अउ चुटकी में नून’ तो यह सिंगार हमें हमारी संस्कृति से जोड़ता है। छत्तीसगढ़ मेहनतकश लोगों का प्रदेश है। इस पावन भूमि को हमारे किसानों और श्रमिक भाइयों ने अपने मेहनत के पसीने से उर्वर बनाया है। इस देश और प्रदेश को हमारे किसानों और मजदूर भाइयों ने ही अपने मजबूत कंधों पर संभाल रखा है। एक मई को हम हर साल इन्हीं मेहनतकश लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त करने के लिए मजदूर दिवस मनाते हैं।
डॉ. बघेल ने भी खूब कहा है, “गजब विटामिन भरे हुए हे छत्तीसगढ़ के बासी मा।’ मुख्यमंत्री ने कहा, युवा पीढ़ी को हमारे आहार और संस्कृति के गौरव का एहसास कराना बहुत जरूरी है। एक मई को हम सब बोरे बासी के साथ आमा के थान और गोंदली के साथ हर घर में बोरे बासी खाएं और अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व महसूस करें।
बोरे बासी की विशेषता भी गिनाई
मुख्यमंत्री ने बोरे बासी की विशेषता भी गिनाई। उन्होंने कहा, गर्मी के दिनों में बोरे बासी शरीर को ठंडा रखता है। पाचन शक्ति बढ़ाता है। त्वचा की कोमलता और वजन संतुलित करने में भी यह रामबाण है। बोरे बासी में सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
क्या है यह बोरे बासी
बोरे बासी छतीसगढ़ का प्रमुख और प्रचलित व्यंजन है। बोरे बासी का मतलब होता है रात के पके चावल को रात को भिगो कर या सुबह भिगो कर खाना या सुबह के पके चावल को दोपहर में खाना। इसमें स्वादानुसार नमक मिलाया जाता है। फिर सब्जी, प्याज, आचार, पापड़, बिजौरी इत्यादि के साथ खाया जाता है। कई बार लोग केवल नमक और प्याज से बासी खाते हैं।