धर्म

सबसे उत्तम सेवा – किसी को बुरा न समझे, बुरा न चाहे एवं बुरा न करें । ऐसा भाव करने से व्यापक सेवा हो जाती है Best service – don’t think bad about anyone, don’t want bad and don’t do bad. By doing such a feeling, a comprehensive service is done.

*🌻सर्वोत्तम सेवा🌻*
– संजय साहू, खुर्दुर (कोटा)

*सबसे उत्तम सेवा – किसी को बुरा न समझे, बुरा न चाहे एवं बुरा न करें । ऐसा भाव करने से व्यापक सेवा हो जाती है* ।

🌸 *हम जैसे हमारे शरीर का कभी भी अहित नहीं चाहते ऐसा भाव अगर सब जगह हमारा हो जावे तो समझो हमारे द्वारा बहूत ही श्रेष्ठ सेवा का काम हो गया*।

🌸 *मेरे द्वारा कभी भी किसी को कुछ भी कष्ट नहीं पहुँचे ।इसके समान कोई श्रेष्ठ कार्य नहीं है । ऐसी दृष्टि रखने वाला साधक वासुदेव सर्वंम वाला हो जाता है* ।

🌸 *महापुरुषों के द्वारा किसी को भी तक़लीफ नहीं पहुँचे ऐसी निरंतर सेवा उनके द्वारा होती रहती है । ऐसा भाव रखने मात्र से ही उनके द्वारा दुनिया मात्र की सेवा हो जाती है*।

🌸 *मेरे द्वारा किसी को भी कभी भी किसी तरह का भय नहीं होवे । यह सबसे ऊँची बात है । किसी को भी बुरा समझने का हमें बिलकुल अधिकार नहीं है* ।

🌸 *बुराई आगंतुक है, भलापना हमारा स्वाभाविक है। क्षमा करना बहुत ही शूरवीरता का काम है । ऐसी सेवा करने के लिए किसी तरह की योग्यता की ज़रूरत नहीं है । जो ऐसा भाव रखता है उसकी भगवान के साथ एकता हो जाती है* ।
🙏🙏 *परम सेवा अद्भुत सेवा है। परम सेवा के द्वारा मरणासन्न मृत्योन्मुख जीवों के कल्याण के भाव से ऐसे जीवों को भगवन्नाम संकीर्तन, गीतापाठ आदि का सहारा देकर उनकी अनन्त की यात्रा को सरल शान्त बनाकर भगवान के चरणों की प्राप्ति की कामना की जाती है। ऐसे सद्भाव के दान की बडी महिमा है।*
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*जय श्रीराम*

भूपेंद्र सबका संदेश न्यूज़ रिपोर्टर
बिलासपुर 9691444583

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