न कार्ड न कैश, बस हाथ के इशारे से करिए पेमेंट! ये है फ्यूचर की टेक्नोलॉजी Neither card nor cash, just pay by hand gesture! This is the technology of the future

नई दिल्ली . ब्रिटिश-पोलिश स्टार्टअप वॉलेटमोर ने दावा किया है कि वह पहली कंपनी है जिसने शरीर में इंप्लांट की जा सकने वाली पेमेंट चिप्स बेचना शुरू किया है. कंपनी का कहना है कि वह अब तक 500 पेमेंट चिप्स बेच चुके हैं. इस चिप की मदद से आप बगैर डेबिट/क्रेडिट कार्ड या कैश के दुकान, मॉल, अस्पताल आदि में पेमेंट कर सकते हैं. इसके लिए केवल आपको अपना हाथ कॉन्टेक्सलैस पेमेंट मशीन के पास ले जाना होगा और आपके बैंक से पैसा दुकानदार के अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा.
कंपनी का कहना है कि ये बिलकुल सुरक्षित है और इसे सभी प्राधिकरणों से अनुमति प्राप्त है. वॉलेटमोर के अनुसार, यह चिप नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी) तकनीक पर काम करती है. इसी तकनीक का इस्तेमाल स्मार्टफोन से कॉन्टेक्सलैस पेमेंट करते हुए किया जाता है. वहीं, कुछ अन्य पेमेंट इंप्लांट्स रेडियो फ्रीक्वेंसी आइटेंटिफिकेशन (आरआईएफडी) पर काम करते हैं. आरआईएफडी तकनीक का इस्तेमाल कॉन्टेक्टलैस डेबिट कार्ड व क्रेडिट कार्ड में इस्तेमाल होता है. गौरतलब है कि इंसान के शरीर में सबसे पहली चिप 1998 में इंप्लांट की गई थी.क्या है इंप्लांट का तरीका
कंपनी कहती है कि यह चिप 1 ग्राम से भी कम वजनी और आकार में एक चावल के दाने से थोड़ी बड़ी है. इसमें एक माइक्रोचिप और एंटीना होता है. इसे एक इंजेक्शन के माध्यम से शरीर में स्थापित किया जाता है. बकौल वॉलेटमोर, इसे चार्ज करने की जरूरत नहीं है और यह अपनी जगह पर स्थिर रहती है. कंपनी ने कहा है कि इस चिप में इस्तेमाल किया गया मेटेरियल प्राकृतिक रूप से उपलब्ध है.पेमेंट के लिए इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड में रहना जरूरी
इस पेमेंट चिप का रीडिंग डिस्टेंस काफी कम है. पेमेंट के लिए जरुरी है कि यह चिप किसी आरआईएफडी या एनएफसी रीडर के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक जोन में रहे. पेमेंट तभी हो पाएगी जब रीडर और ट्रांसपॉन्डर के बीच इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कपलिंग होगी.सुरक्षा को लेकर चिंता
2021 में यूरोपीय संघ और यूके में 4000 लोगों के बीच कराए गए सर्वे में 51 फीसदी लोगों ने कहा कि वह इंप्लांट के बारे में जरुर सोच सकते हैं. हालांकि, अध्ययन में यह भी पाया गया कि लोगों के बीच इस पेमेंट चिप से जुड़ी सबसे बड़ी परेशानी सुरक्षा को लेकर है. फिनटेक विशेषज्ञ कहते हैं कि यह बेशक चीजों का आसान बनाता है लेकिन लोगों को यह भी सोचना होगा कि वे सुविधा के लिए क्या त्याग करने के लिए तैयार हैं. वह कहती हैं कि यूजर्स को तय करना होगा कि वे निजता और सुविधा के बीच कहां सीमा स्थापिक करेंगे.