छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ रायपुर के बैनर तले जिला कबीरधाम के समस्त वन कर्मचारी आज 19 वें दिन भी भरी दुपहरी में राजीव गांधी पार्क में हड़ताल में डटे Under the banner of Chhattisgarh Forest Employees Union Raipur, all the forest workers of district Kabirdham went on strike on the 19th day in the late afternoon at Rajiv Gandhi Park.
कवर्धा छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ रायपुर के बैनर तले जिला कबीरधाम के समस्त वन कर्मचारी आज 19 वें दिन भी भरी दुपहरी में राजीव गांधी पार्क में हड़ताल में डटे रहे। वन विभाग के हड़ताल को छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष ने भी छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के मांगों को लेकर अपना समर्थन दिया है और उनकी मांगों को जायज ठहराया है। जंगल आग की लपटों में डूबा, कर्मचारी धूप में हड़ताल पर बैठे हैं और शासन खैरागढ़ उप चुनाव में डूबा है। वन विभाग के मैदानी कर्मचारी दिन भर धरनास्थल पर डटे हुए हैं। मुख्य मांग के रूप में वनरक्षक को 2400 रूपए ग्रेड पे वनपाल को 2800 ग्रेड पे उपपन क्षेत्रपाल को 4300 ग्रेड पे वन क्षेत्रपाल को 4800 ग्रेड पे दिया जायेगा। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक ग्रेड पे संबंधी मांग पूरा नहीं हो जाता यह हड़ताल निरंतर जारी रहेगा। बता दें कि प्रांत स्तरीय नेतृत्व का शासन प्रशासन के साथ 3 दौर का बैठक हो चुका है शासन लिखित में आदेश जारी करने से मना कर रहा है। बार-बार वर्षों से छले गए कर्मचारी सरकार पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। ज्ञात हो कि 31 मार्च के अपने पत्र में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख ने 3050 वेतनमान की समस्या को सात दिवस में हल करने संबंधी पत्र जारी किया था। आज 8 अप्रैल है अर्थात 8 दिन पूरे हो गए फिर भी आदेश जारी नहीं किया गया है। कर्मचारी इसीलिए लिखित आदेश की मांग कर रहे हैं।वन कर्मचारियों ने आने वाले दिनों में धरना स्थल पर ही रक्तदान शिविर लगाकर रक्तदान का कार्यक्रम करने की योजना बनाए हैं।
विभाग के कर्मचारियों ने लगातार आंदोलन को सकारात्मक रूप से कभी पौधा वितरण कर, कभी रक्षा सूत्र बांधकर, कभी आम जनता का समर्थन लेकर, तो कभी वन मंत्री और विधायक को निवेदन पूर्वक ज्ञापन सौंपते हुए, तथा अब आने वाले समय में रक्तदान कर बड़े शांतिपूर्वक ढंग से अपने इस आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं। एक बड़ी बात तो यह है कि वन विभाग के कर्मचारी लंबे समय से आंदोलन में शामिल हैं किंतु इनके द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ, वन मंत्री के खिलाफ, शासन के खिलाफ या व्यवस्था के खिलाफ कभी कोई नारेबाजी नहीं की गई है। छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ कवर्धा के जिलाध्यक्ष परसराम चंद्राकर ने बताया कि विभाग के कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन आंदोलन सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का कार्यक्रम नहीं है और इसलिए हमारे कर्मचारी कभी भी शासन-सत्ता, सीएम या वन मंत्री के खिलाफ कोई नारेबाजी नहीं करते हैं। श्री चंद्राकर ने कहा कि यह हमारे अधिकार की लड़ाई है और हम अपने अधिकार को शासन से शांति पूर्वक मांग रहे हैं क्योंकि हमारी मांगे जायज है और वर्षों से लंबित है। वन विभाग के कर्मचारी जंगल में रात दिन चौबीसों घंटे रहकर कार्य करने वाले वन योद्धा हैं। वन कर्मियों की पीड़ा को शासन सुने और गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए विभाग के कर्मचारियों की समस्याओं को पूरा करने का जल्द आदेश जारी करें। पंडाल में कर्मचारियों को यह भी कहते सुना गया कि भूपेश है तो भरोसा है अर्थात कर्मचारी बिल्कुल यह मानकर चल रहे हैं कि उनकी जायज मांगे यह सरकार शीघ्र ही पूर्ण करेगी।
वन क्षेत्रपाल भी वन कर्मचारी संघ के बैनर तले हड़ताल में शामिल हो चुके हैं और अब इससे विभाग के आला अफसरों की परेशानी और बढ़ गई है। वन क्षेत्र में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के साथ केवल एसडीओ और डीएफओ ही मोर्चा संभाल रहे हैं। वन कर्मचारी संघ के धरना स्थल पर कवर्धा जिले के हड़ताल में शामिल हुए परिक्षेत्राधिकारी श्री लाल सिंह मरकाम, श्री गणेश मरकाम, श्री लक्ष्मी नारायण सोनी, श्री एन पी झारिया, श्री दिलीप सिंह ठाकुर, अनिल भास्करन धरना स्थल पर बैठ रहे हैं।