छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

दुर्ग के कोठारी बंधुओं ने धोखाधड़ी कर 53 करोड़ 44 लाख का शेयर कर लिया अपने नाम कोलकाता सेशन कोर्ट और हाईकोर्ट ने आरोपियों की अग्रिम जमानत की खारिज

दुर्ग। नगर के तीन लोगों ने अपने साथ काम करने वाले व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी कर 53 करोड़ 44  लाख 19 हजार 230 रूपये अपने नाम कर लिया। इस मामले में पीडि़त व्यक्ति जो कोलकाता में निवास करते है, उन्होंने कोलकाता के बुर्ताेेल्ला थाना में इन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी सिद्धार्थ कोठारी ने कोलकाता सेशनकोर्ट में पहले अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगाया लेकिन उनकी जमानत याचिका खारिज हो गई उसके बाद सिद्धार्थ कोठारी ने कोलकाता हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अपने वकील के माध्यम से आवेदन लगाया जिसे गत 14 मार्च को कोलकाता हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। वहीं इस मामले के दो लोग सुरेशे कोठारी और श्रीपाल कोठारी ने कोलकाता सेशन कोर्ट में अपने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगाया जिसे गत 30 मार्च 2022 को सेशन कोर्ट ने इनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।

उक्त बातें पीडि़त प्रकाश जयसवाल के अधिवक्ता पुरूषोत्तम सोनारे ने एक पत्रकारवार्ता में कही। उन्होंने आगे बताया कि प्रार्थी प्रकाश जायसवाल के अधिवक्ता  बताया कि रजत बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जो जमीन का काम करता है , ने अपने 40 हजार शेयर 2005-06 में प्रकाश जायसवाल को एलाट किए थे। इस शेयर की वर्तमान कीमत 53 करोड़ 44 लाख 19 हजार 230 रुपए है। इस शेयर को 2012-13 से सुरेश कोठारी ने अपने कजिन ब्रदर्स सीए श्रीपाल कोठारी की मदद से प्रकाश जायसवाल के शेयर को धोखाधड़ी, कुटरचित कर सुरेश कोठारी ने अपने नाम पर चढ़ा लिया। उसके बाद  प्रार्थी प्रकाश जायसवाल ने कई बार सुरेश कोठारी और सीए श्रीपाल कोठारी को टोका और अपने शेयर अपने नाम पर करने के लिए कहा। कई बार लिखित में भी दिया, कंपनी को भी पत्र लिख कर मांग की थी, 18 जून 2020 को रजत बिल्डकॉन प्रा.लि. ने भी आरोपियों को पत्र लिख कर शेयर वापस करने कहा और जवाब मांगा लेकिन आरोपियों ने नही मानी और कोई जवाब नहीं दिया तो प्रार्थी ने  बुर्ताेेल्ला थाने में एफआईआर दर्ज करा दिया।


प्रार्थी की शिकायत पर कोलकाता के बुर्ताेल्ला पुलिस ने 2 जनवरी 2021 को पदमनाभपुर निवासी सुरेश कोठारी, सिद्धार्थ कोठारी और सीए श्रीपाल कोठारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420,467,468,471,406,120 बी के तहत अपराध दर्ज किया। अपराध दर्ज होने के बाद कोलकाता पुलिस ने पिछले साल 11 मार्च 2021 को इन तीनों आरोपियों को पकडऩे दुर्ग आई थी लेकिन एफआईआर दर्ज होने की जानकारी मिलते ही ये तीनो आरोपी फरार हो हो गये  जिसके कारण  से कोलकाता पुलिस खाली हाथ लौट गई थी। उसके बाद इन आरोपियों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कोलकाता सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगाया था लेकिन सेशन कोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद सिद्धार्थ कोठारी ने कोलकाता हाईकोर्ट मे अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी जिसे गत 14 मार्च को हाईकोर्ट ने इनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।

ज्ञातव्य हो कि इसी प्रकार का एक और मामले को इन तीनो व्यक्ति सुरेश कोठारी, सिद्धार्थ कोठारी और सीए श्रीपाल कोठारी ने अंजाम दिया है, जिसमें इन्होंने महावीर आवास योजना प्राईवेट लिमिटेड  के शेयर 85 करोड़ रूपये कीमती (62125  शेयर्स) को धोखाखड़ी कर अपने नाम कर लिये थे। इस मामले का एफआईआर दर्ज करानेे महावीर आवास के डायरेक्टर रजत सुराणा गत 14 जुलाई 2020 में दुर्ग कोतवाली गये थे, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज न कर पीडि़तों से शिकायती पत्र लिये और कहा कि पहले जांच करेंगे, उसके बाद मामला दर्ज किया जायेगा लेकिन आज लगभग 2 साल हो गये पुलिस आज तक जांच ही कर रही है, जब से शिकायत की जा रही है, तबसे जिले में तीन पुलिस अधीक्षक एवं तीन तीथ थानेदार बदल गये लेकिन आज तक पुलिस की जांच खत्म नही हुई। इस मामले की शिकायत महावीर आवास के डायरेक्टर रजत सुराणा ने  मुख्यमंत्री,गृहमंत्री जिले के एसपी, आईजी, छग डीजी के पास उसी दौरान कर चुके है,इसके बाद भी इन आरोपियों पर कोई कार्यवाही नही है।  पत्रकारवार्ता में रजत सुराना और रौनक सचदवे सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

कंपनी के पत्र का नहीं दिए जवाब
प्रार्थी को जब पता चला कि शेयर को आरोपी ने अपने नाम पर चढ़ा दिया है तो प्रार्थी प्रकाश जायसवाल ने कई बार सुरेश कोठारी और सीए श्रीपाल कोठारी को टोका और अपने शेयर अपने नाम पर करने के लिए कहा। कई बार लिखित में भी दिया, कंपनी को भी पत्र लिख कर मांग की थी लेकिन आरोपी नहीं माने तो प्रार्थी ने थाने में शिकायत कर दी। 18 जून 2020 को रजत बिल्डकॉन प्रा.लि. ने भी आरोपियों को पत्र लिख कर शेयर वापस करने कहा और जवाब मांगा लेकिन आरोपियों ने कोई जवाब नहीं दिया।

भिलाई आने जाने के दौरान हुई थी इनसे पहचान
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार प्रार्थी प्रकाश कोलकाता का रहने वाला है जो करीब 15 से 20 साल से भिलाई और दुर्ग आना जाना था इसी दरम्यिान इनका आरोपियों से पहचान हुआ और फिर साथ में मिलकर काम करने लगे। साथ में काम करते हुए आरोपियों ने शडयंत्र पूर्वक कंपनी के शेयर जो प्रकाश के नाम पर थे, उसे अपने भाई सीए श्रीपाल के साथ मिलकर अपने सुरेश कोठारी नाम पर चढ़ा लिया।

Related Articles

Back to top button