वन कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल हुए परीक्षेत्र अधिकारी Range officers involved in indefinite strike of forest workers

वन कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल हुए परीक्षेत्र अधिकारी। 21 मार्च से अनवरत जारी 1 कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल में आज कवर्धा वन मंडल कवर्धा के परी क्षेत्र अधिकारियों ने धरना स्थल पहुंचकर इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया। रेंजर्स एसोसिएशन द्वारा पूरे प्रांत में 1 तारीख से 4 तारीख तक काली पट्टी लगाकर 1 कर्मचारियों के समर्थन में शासन के विरोध प्रदर्शन करते हुए कार्य संपादन किया जा रहा है साथ ही 5 अप्रैल से सभी रेंजर्स छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के आंदोलन में प्रत्यक्ष रुप से जुड़ जाएंगे। आज राजीव गांधी पार्क धरना स्थल पर परीक्षेत्र अधिकारी खारा परिक्षेत्र अधिकारी रिंगा खार परीक्षेत्र अधिकारी चिल्फी परीक्षेत्र अधिकारी पंडरिया पश्चिम ने अपनी उपस्थिति देकर कर्मचारियों का हौसला अफजाई किया। आज हड़ताल के बाहर हवे दिन भी वन कर्मचारियों की उपस्थिति धरना स्थल पर उनके हौसले को स्पष्ट बयां करती है। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि शासन द्वारा जब तक वन कर्मियों की मांग पूरा करने के संबंध में लिखित में पत्र जारी नहीं किया जाएगा तब तक यह हड़ताल अनवरत जारी रहेगा। धरना स्थल पर मुख्य रूप से जिला अध्यक्ष श्री परसराम चंद्राकर सचिव गणेश ठाकुर उपाध्यक्ष ज्ञानेश्वर आनंद तारकेश यादव महामंत्री सत्य कुमार भास्कर निर्मला बंजारे जय श्री कौशल ललित यादव श्रवण निर्मलकर अजय शर्मा संजय शर्मा विश्वनाथ श्याम श्रवण मरकाम विष्णु प्रसाद दुबे सुरेश धुर्वे रविंद्र राजपूत राजकुमार यादव विनोद भास्कर संतोष सिंह ठाकुर संतोष पांडे सनत मिश्रा संतोष राजपूत रामकुमार सेना अधीर मरावी अजीत पाल भोलाराम साहू लालाराम देवारी नानूराम कावरे राजेश राहंगडाले श्रवण निर्मलकर सहित सैकड़ों की संख्या में 1 कर्मचारी प्रतिदिन शामिल होकर इस आंदोलन को सफल बनाने संघर्ष कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि अंशदाई पेंशन कल्याण संघ के महिला प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष श्रीमती बसंती यादव ने 1 कर्मचारियों के धरना स्थल पर पहुंचकर अपने संगठन की ओर से इस आंदोलन को समर्थन दिया। उन्होंने वन कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक मांगे पूरी ना हो जाए यह लड़ाई जारी रखनी चाहिए। वन कर्मियों की पीड़ा और उनकी मांगे पूरी तरीके से जायज है शासन को शीघ्र ही पहल करते हुए 12 सूत्री मांगों को पूरा करना चाहिए।