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अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधा के लाभ से बैगा बाहुल्य क्षेत्र के लोग वंचित हो रहे

सबका संदेस न्यूज छत्तीसगढ़ गौरेला- ब्लाक मुख्यालय में सेनेटोरियम के पास 50 बिस्तर मातृ-शिशु अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधा के लाभ से बैगा बाहुल्य क्षेत्र के लोग वंचित हो रहे हैं। साल भर पूर्व करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित अस्पताल रिफर सेंटर बनकर रह गई है। अस्पताल में मध्यप्रदेश की सीमा से बड़ी संख्या में मरीज पहुंचते हैं पर उन्हें निराश होना पड़ता है उन्हें बिलासपुर सिम्स रिफर कर दिया जाता है।

गौरेला में पेंड्रा सहित मरवाही के आदिवासी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को बेहतर सुविधा की दृष्टि से केंद्र सरकार के द्वारा नगर के मध्य में सेनेटोरियम के पास ही 50 बिस्तर मातृ- शिशु अस्पताल का निर्माण किया गया। परंतु सेटअप नहीं होने से लोगों को सुविधा नहीं मिल रही है। यहां तक की इसके लोकार्पण के बाद ही नगर के सबसे प्रमुख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और एफआरयू फर्स्ट रिफर यूनिट केंद्र को मातृ शिशु अस्पताल में मर्ज कर दिया गया। यहीं नहीं वर्तमान में दोनों केंद्र पूरी तरह से बंद है। और यहां कार्यरत लगभग बीस कर्मचारी यहां पर सेवा दे रहे हैं। इसमें सीएचसी में पदस्थ पांच चिकित्सक और एफआरयू में तैनात तीन चिकित्सक शामिल थे। वे लगभग साल भर से मातृ-शिशु अस्पताल सेवा दे रहे हैं। वहीं मातृ- शिशु अस्पताल में चिकित्सकों सहित स्टाफ का अभाव है। इस दिशा में पूर्व में भी सीएमओ से शिकायत कर व्यवस्था सुधारने की मांग की गई परंतु व्यवस्था नहीं सुधरी है। वर्तमान में कुछ मामूली सुविधाएं जारी है जिसमें एक्सरे, ब्लड टेस्ट मात्र है। वहीं मरीजों को सोनोग्राफी, डायलिसस, रेडियोग्राफी की मशीन नहीं होने से बाहर से रिपोर्ट लेने पड़ता है। वर्तमान में सात चिकित्सक, 15 नर्स, सात वार्ड ब्वाय है। सेटअप के अनुसार पर्याप्त नहीं है। भवन में जिस प्रकार से निर्माण किया गया है पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेशन नहीं होने से भवन के अंदर घुटन रहता है। आम लोगों को इससे आम परेशानी होती है। इस संबंध में सीएम ओ डॉ. बीबी बोर्ड से वस्तुस्थिति की जानकारी लेने की कोशिश की गई परंतु संपर्क नहीं हो सका। 

 

 

 

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