हिंदी साहित्य भारती, दुर्ग द्वारा पुस्तक विमोचन समारोह आयोजित
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दुर्ग। हिंदी साहित्य भारती दुर्ग इकाई के तत्वाधान में डॉ. दीक्षा चौबे द्वारा विरचित कहानी संग्रह पारिजात से झरे फूल का विमोचन स्व. राजीव गाँधी खेल एवं लोककला भवन, सिविल लाईन में किया गया। इस गरिमामयी पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में रायपुर के सुविख्यात व्यंग्यकार राजशेखर चौबे , मुख्य अतिथि ख्यातलब्ध वरिष्ठ साहित्यकार गुलबीर सिंह भाटिया, अध्यक्ष डॉ बलदाऊ राम साहू , समीक्षकद्वय के रूप में क्रमश: कैलाश बनवासी व डॉ. हंसा शुक्ला थीं।
कार्यक्रम का आरंभ माँ सरस्वती के प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन कर हुआ। जिसमें विश्व हिंदी भारती दुर्ग के मीडिया प्रभारी व कार्यक्रम के संचालन विक्रम सिंह ने किया। इस दौरान लेखिका ने आत्मकथ्य के द्वारा अपनी लिखी पुस्तक के स्वरूप उद्देश्य के बारे में विस्तार से बताया।
इसके पश्चात मुख्य अतिथि आदरणीय गुलबीर सिंह भाटिया ने कहानी के भावनात्मकता मार्मिकता के साथ विशेष रूप से इसके कलात्मक पक्ष की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने बताया कि कहानी एक चित्र की तरह हो जिससे पाठक इसके सौंदर्य का रसास्वादन कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रस्तुत पुस्तक की सभी कहानियाँ तारीफ के काबिल हैं।
इस दौरान कार्यक्रम के अध्यक्ष की आसंदी से संबोधित करते हुए हिंदी साहित्य भारती के प्रांताध्यक्ष डॉ. बलदाऊ राम साहू ने कहा कि पुस्तक प्रकाशन व विमोचन के साथ वरिष्ठजनों के द्वारा समीक्षा का कार्य एक साहसिक कार्य है। इससे हमें अपनी कमियों को जानने का अवसर तो मिलता है ही साथ ही साथ वर्तमान युगीन कहानी के स्वरूप के अनुरूप लेखन में सहायता मिलती है।
इसी क्रम में अगले समीक्षक के रूप में हिंदी साहित्य भारती दुर्ग इकाई की अध्यक्षा व स्वरूपानंद महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने बताया कि दीक्षा ने इस रचना द्वारा अपने नाम को सार्थक किया है। उन्होंने इस चालीस पुस्तकों के संग्रह को चालीसा के रूप में निरूपित किया। उन्होंने आगे बताया कि सारी कहानियाँ रोचक हैं जिनके पात्र व पृष्ठभूमि से ऐसा लगता है कि वे हमारे आसपास के ही हैं व हमारे परिवार के बीच से ही हैं। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों का शाल व श्रीफल देकर सम्मान किया गया। इस गरिमामय कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन व धन्यवाद ज्ञापन हिंदी साहित्य भारती के महामंत्री श्री चंद्रकांत साहू ने किया।
इस कार्यक्रम में विशेष रुप से डॉ. सुजाता दास, सर्व प्रदीप भट्टाचार्य संपादक छत्तीसगढ़ आसपास, प्रशांत कानस्कर, शमशीर सिवानी, पुरबो हवा साहित्यिक समिति भिलाई के अध्यक्ष बागची, डॉ. राकेश चौबे. समीर चौबे, बृजेश कुमार तिवारी, डॉ. चित्ररेखा चौबे, योगेश शर्मा, श्रीमती रीता शर्मा, विमल तिवारी, शेफाली, आनंद, शीला तिवारी, श्रीमती रश्मि शुक्ला, विजय कुमार चौबे, श्रीमती दिव्या चौबे, प्रशांत तिवारी, परिवेश तिवारी,अविनाश कश्यप, प्रार्थना तिवारी, अनीश शर्मा, क्षितिज चौबे, श्रीमती सुभद्रा चौबे सहित बड़ी संख्या में कवि लेखक श्रोतागण व हिंदी साहित्य भारती के सभी पदाधिकारी मौजूद थे। रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम का स्थल स्व. राजीव गाँधी खेल एवं लोककला भवन, सिविल लाईन दुर्ग था।