25 मार्च को शीतला अष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त और बासी खाने के भोग की सही विधिSheetla Ashtami on March 25, know the auspicious time and the right method of enjoying stale food
शीतला अष्टमी का महत्व
शीतला अष्टमी के त्यौहार का राजस्थान में खासा महत्व है
इस दिन शीतला माता की पूजा की जाती है
इस दिन मां शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है
मां को भोग लगाने के बाद लोग भी बासी भोजन ही खाते हैं
इस दिन घर पर चूल्हा नहीं जलता है और ठंडा खाना ही खाया जाता है
सप्तमी की रात में ही भोग के लिए हलवा और पूड़ी तैयार कर लिया जाता है
अष्टमी के दिन ये प्रसाद के रूप में अर्पित किया जाता है
मां शीतला माता का वर्णन स्कंद पुराण में मिलता है
मां शीतला को चेचक, खसरा जैसे रोगों से बचाने वाली देवी माना जाता है
बच्चों को रोग मुक्त बनाने के लिए ये व्रत और पूजा उनकी मां करती हैं
शीतला अष्टमी का शुभ मुहूर्त
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी के रूप में मनाते हैं
इस बार शीतला अष्टमी 25 मार्च को है
अष्टमी तिथि प्रारंभ-25 मार्च 2022, शुक्रवार रात 12:09 बजे
अष्टमी तिथि समाप्त-25 मार्च 2022, शुक्रवार रात 10:04 बजे
मां शीतला के व्रत का विधान
इस दिन व्रत करने वाले को सुबह स्वच्छ और शीतल जल से स्नान करें
स्नान करने के बाद इस मंत्र से संकल्प लें-
‘मम गेहे शीतलारोगजनितोपद्रव प्रशमन…
पूर्वकायुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धिये शीतलाष्टमी व्रतं करिष्ये’
संकल्प लेने के बाद विधि-विधान से पुष्प-गंध आदि से मां शीतला की पूजा करें
पूजा करने के बाद एक दिन पहले बनाए हुए बासी खाने का भोग लगाएं
बासी मेवे, मिठाई, पुआ, पूरी आदि का भोग लगाएं
भोग लगाने के बाद शीतला स्तोत्र का पाठ करें
यदि शीतला स्तोत्र उपलब्ध ना हो तो शीतला अष्टमी की कथा सुनें
रात में मां का जगराता करें और दीपमाला जलाएं