भुवनेश्वर में 26 मार्च को 45 °C होगा तापमान, ओडिशा में अप्रैल में होगा जून का एहसास

भुवनेश्वर: अंडमान सागर क्षेत्र में रविवार की शाम 55 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं. अगले 24 घंटों में यह एक डीप डिप्रेशन में तब्दील होगा और अगले 36 घंटों में चक्रवात असनी बन जाएगा. सैटेलाइन इमेज के अनुसार, यह वेदर सिस्टम अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से दूर जा रहा है.
म्यांमार के मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवात असनी 22 मार्च (मंगलवार) की शाम तक रखाइन तट के करीब पहुंच जाएगा. इस सीजन का यह पहला चक्रवात ज्यादातर म्यांमार को प्रभावित करेगा. सैटेलाइन इमेज मॉडल संकेत देते हैं कि चक्रवात असनी धीरे-धीरे कोको द्वीप की ओर बढ़ता चला जाएगा.ओडिशा पर चक्रवात असनी का कितना प्रभाव?
चूंकि चक्रवात असनी म्यांमार की ओर बढ़ रहा है, इसलिए ओडिशा पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. हालांकि, एनसीईपी (National Centers for Environmental Prediction) के पूर्वानुमान के अनुसार, राज्य में 25 मार्च से 2 अप्रैल की अवधि के दौरान 2.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड होने की संभावना है. इस दौरान ओडिशा के भद्रक और बालासोर जिलों में बारिश का अनुमान है.
भुवनेश्वर पर चक्रवात असनी का कितना प्रभाव?
जैसा कि चक्रवात असनी पूर्व में पूर्वानुमानित उत्तरी ट्रैक के विपरीत, उत्तर पूर्व दिशा में पश्चिमी म्यांमार तट की ओर आगे बढ़ेगा, ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में आने वाले सप्ताह में वर्षा की कोई संभावना नहीं बनती दिख रही है. लेकिन जो पूर्वानुमान है, उसके मुताबिक भुवनेश्वर में मौसम खुशनुमा भी नहीं रहने वाला है.
शहर में 27 मार्च तक कोई बारिश दर्ज नहीं होगी, लेकिन एनसीईपी की भविष्यवाणी है कि भुवनेश्नर में 26 मार्च को दिन का तापमान 42-45 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा, जबकि 22 और 25 मार्च को पारा 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच जाएगा. यानी भुवनेश्वर वासियों को मार्च के महीने में ही मई-जून की भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा.
ओडिशा में अप्रैल में भीषण गर्मी का पूर्वनुमान
उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (Indian Institute Of Tropical Meteorology or IITM) के मल्टीमॉडल एन्सेम्बल (MME) के आधार पर लगाए गए पूर्वानुमान के अनुसार, 31 मार्च से 6 अप्रैल तक पूरे ओडिशा में लू चलेगी. पूर्वानुमान है कि सुंदरगढ़, झारसुगुडा, बरगढ़ और बोलांगीर जैसे जिलों में कुछ स्थानों पर 31 मार्च से 6 अप्रैल की अवधि के दौरान भीषण गर्मी पड़ सकती है.
अप्रैल के मध्य तक कोई दूसरा चक्रवात नहीं
IITM का CFS-आधारित ग्रैंड एन्सेम्बल प्रेडिक्शन (CGEPS) पूर्वानुमान यह स्पष्ट करता है कि अप्रैल के मध्य तक बंगाल की खाड़ी में कोई और चक्रवात उत्पन्न नहीं होगा, हालांकि मार्च के आखिरी सप्ताह में दक्षिण चीन सागर में एक विक्षोभ का पूर्वानुमान लगाया गया है. अप्रैल के पहले पखवाड़े में ओडिशा में लगभग 20 प्रतिशत कम वर्षा का पूर्वानुमान भी है.