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पच्चीस लाख रूपये फिरौती के लिए जिगरी दोस्त ने ही कर लिया दोस्त के बच्चे का अपहरण महिला साहित 5 अपहरणकर्ता गिरफ्तार

दुर्ग। दोस्त की पुस्तैनी जमीन लगभग सवा करोड़ में बिकने की जानकारी मिलने के बाद  मन में लालच आ जाने से एक जिगरी दोस्त ने ही अपने दोस्त के चार वर्षीय बच्चे का अपने साथियों के साथ मिलकर अपहरण कर लिया। बिना फिरौती के एक दिन बाद ही बच्चे को सोमनी थाने के पास छोड़ दिये जाने के बाद भी अपहरणकर्ता पुलिस की चंगुल से नही बच पाये। पुलिस ने अपहरण में शामिल मुख्य आरोपी सहित पांच लोगों में से चार लोगों को गिर$फ्तार कर लिया था और वही एक आरोपी फरार था जिसे गुरूवार देर शाम तक पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया।

ज्ञातव्य हो कि दो दिन पहले मंगलवार को सुबह सुबह बोरसी-धनोरा मार्ग पर धनोरा के 4 वर्षीय बालक मौलिक साहू का अपहरण करने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। मौलिक का अपहरण किसी और ने नहीं बल्कि उसके पिता के जिगरी दोस्त व उसके साथियों ने किया था। आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। मौलिक के पिता चंद्रशेखर साहू ने जमीन का सौदा किया था। जिससे उसके पास एक बड़ी रकम आई थी। अपहरण के माध्यम से आरोपियों ने लगभग 25 लाख रुपए फिरौती लेने की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस की सक्रियता ने इनका खेल बिगाड़ दिया। पुलिस ने मौलिक के अपहरण मामले में मुख्य आरोपी राजकुमार साहू 31 वर्ष पिता विष्णुराम साहू, हेमू साहू 21 वर्ष पिता घनश्याम साहू धनोरा, रुकेन्द्र सिन्हा 35 वर्ष पिता सुंदरलाल सिन्हा व उसकी पत्नी बबीता सिन्हा 33 वर्ष मगरलोटा थाना सोमनी जिला राजनांदगांव निवासी एवं एक फरार आरोपी कुंदन को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयुक्त दो बाईक, 3 मोबाइल व कपड़े बरामद किए गए है। सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 363, 365, 34 के तहत कार्रवाई कर जेल भेज दिया गया।

मंगलवार की सुबह वेन से स्कूल जा रहे आरा मिल व्यवसायी चंद्रशेखर साहू के 4 साल के बेटे मौलिक साहू को नकाबपोश बाइक सवारों ने अगवा कर लिया था। सूचना मिलते ही पुलिस की टीमें चारों ओर फैल गई। मासूम से जुड़ा मामला होने के कारण बेहद संजीदगी से काम किया गया। पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के लिए पुलिस की 25 टीमों को अलग अलग प्वाइंट पर लगाया था। सभी प्रमुख रास्तों पर नाकेबंदी कर बच्चे की तलाश शुरू हुई। सरहदी जिलों की पुलिस को भी अलर्ट किया गया। पुलिस की चाकचौबंद व्यवस्था से घबराकर अपहरणकर्ता सोमनी थाने के पास मासूम मौलिक को छोड़कर भाग गए। पुलिस ने आधीरात लगभग 2 बजे मौलिक को परिजनों के सुपुर्द किया। इस मामले में आरोपियों की पहचान भी बुधवार को कर ली गई थी। पुलिस की टीम ने अलग अलग दबिश देकर आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें से अभी भी एक आरोपी फरार है।

आरोपियों को लालच पड़ी भारी

आरोपियों को पेश करते हुए आई हिमांशु गुप्ता व एसपी प्रखर पाण्डेय ने बताया कि अपहरण का मुख्य साजिशकर्ता राजकुमार साहू है। राजकुमार धनोरा के उसी मोहल्ले में रहता है। जहां चंद्रशेखर साहू रहता है।  राजकुमार कभी-कभी चंद्रशेखर की वाहन चलाने का काम भी करता था। लगभग 7 माह पूर्व चंद्रशेखर साहू ने अपनी पुस्तैनी जमीन करीब 1.20 करोड़ में बेची थी। इसकी जानकारी होने के बाद राजकुमार की नजरे इस रकम पर थी, किसी भी तरह से इसमें से एक बड़ी रकम हथियाने की योजना बनाने लगा। मासूम मौलिक के अपहरण की कहानी यहीं से शुरू हुई। इसने अपने साथियों रुकेन्द्र सिन्हा, हेमू साहू, बबीता सिन्हा व एक अन्य के साथ मिलकर अपहरण की योजना बनाई। बालक मौलिक आरोपी राजकुमार साहू को अच्छी तरह पहचानता था। इसलिए आरोपी राजकुमार एवं अन्य आरोपियों ने पूरे वारदात के दौरान अपने चेहरे पर नकाब बांध रखा था।

आरोपियों ने अपहरण के बाद मगरलोटा सोमनी में रखा था मौलिक को

आरोपियों ने बच्चे को अगवा करने कई दिनों तक रेकी की। घटना के दिन राजकुमार, रुकेन्द्र व हेमू पहले से स्कूल के पास थे। जैसे ही वेन आकर रुकी तो हेमू ने ड्राइवर को रोककर पामेलियन कुत्ते को एक्स्ीडेंट में घायल करने की बात करते हुए उलझाया। इस बीच रुकेन्द्र अपाचे बाइक को स्टार्ट कर रखा था। राजकुमार ने बच्चे को वेन से जबरदस्ती उठाया और बाइक पर बैठ गया। पीछे से हेमू साहू भी बैठा और वहां से भाग गए। कुछ दूरी पर हेमू को बाइक से उतार कर दोनों बच्चें को लेकर बोरसी, थनौद, चंदखुरी, अंजोरा, देवादा होते हुए रुकेन्द्र के घर मगरलोटा ले गए। यहां रुकेन्द्र की पत्नी बबीता सिन्हा बच्चे की देखभाल के लिए तैयार थी। इसके बाद आरोपी राजकुमार ने चंद्रशेखर को फोनकर अपहरण की जानकारी दी। यही नहीं खुद पद्मनाभपुर थाने पहुंचकर चंद्रशेखर के साथ पूरी गतिविधियों पर नजर रख रहा था। लेकिन लगातार बढ़ते दबाव के बाद बच्चे को सोमनी थाने के पास छोड़कर फरार हो गए थे।

ऐसे किया अपहरण

पैसों के लालच में उसने पूरी साजिश रची और चारों से मिलकर इसकी जानकारी दी. घटना को अंजाम देने के लिये दिनांक 20.08.2019 को एक फरार आरोपी प्रात: से ही बालक के स्कूल वेन पर नजर रख रहा था. आरोपी द्वारा वेन के आते ही अपने साथियों को इसकी जानकारी दिया तो आरोपी राजकुमार अपने साथी आरोपी रूकेन्द्र सिन्हा, हेम् साहू स्कूल वेन के आने के स्थान पर पहले से ही पहुंच गये. तीनों आरोपी रूकेन्द्र सिन्हा की मोटर सायकल लाल अपाचे में थे. स्कूल वेन के आते ही आरोपी हेमू ने वेन ड्रायवर को रोका और उसे अपनी बातों में उलझाया कि तुमने कल एक पामेरियन कुत्ते को अपनी चेन से एक्सीडेंट किया है, इसी बीच आरोपी राजकुमार वेन में जाकर बच्चे का स्कूली वेन से अपहरण कर लिया. पहले से तैयार रूकेन्द्र सिन्हा अपनी मोटर सायकल स्टार्ट रखा था, राजकुमार अपह्रत बालक को लेकर मोटर सायकल के बीच में बैठ गया. आरोपी हेमू साहू भी गाड़ी में सवार हो गया. उसके बाद वे बच्चे को लेकर फरार हो गये. जिसके बाद कुछ दूरी पर ही गैस गोदाम के पास आरोपी हेमू साहू उतर गया. आरोपी अपहृत बालक को लेकर बोरसी, थनौद, चंदखुरी, अंजोरा, देवादा होते हुए रूकेन्द्र सिन्हा के मगरलोटा स्थित घर ले गए. जहां उसकी पत्नी के देखरेख में रखा गया. उधर बच्चे के अपहरण की जानकारी उसके पिता ने अपने दोस्त और आरोपी राजकुमार को फोन पर दी. जिसके बाद वह उसके साथ रिपोर्ट लिखाने थाने भी पहुंचा. उधर इस मामले में मीडिया की खबर और सोशल मीडिया के दबाव में आरोपियों ने बच्चे को सोमनी में छोड़ दिया.

ऐसे गिरफ्त में आए

इस पूरे मामले में पुलिस ने 4 टीमों को गठन किया था. पुलिस के अनुसार मामले में सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर पुलगांव चौक के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में बच्चे को ले जाते आरोपी नजर आए, लेकिन राजनांदगांव टोल प्लाजा में लगे सीसीटीवी कैमरे में वो नजर नहीं आए. जिससे माना गया कि आरोपी अंदरुनी रास्तों से निकले हैं या फिर आस-पास ही रुके हैं. इधर पुलिस की एक टीम घटना क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क को खंगाल रही थी और पीडि़त के परिजनों और परिचितों का मोबाइल लोकेशन व पारिवारिक हिस्ट्री खंगाला जा रहा था. मोबाइल नेटवर्क और सीसीटीवी फुटेज से मिले हुलिये के अनुसार पुलिस आरोपी तक पहुंच गई. उधर इस मामले में एक और आरोपी अभी फरार है जिसे जल्दी पकडऩे का पुलिस दावा कर रही है.

पुलिस टीम को 50 हजार रुपए ईनाम देने की आईजी ने की घोषणा

गंभीर एवं संवेदनशील अपहरणकांड को पुलिस टीम द्वारा 17 घंटे में सुलझा लिया गया। बालक को सकुशल माता-पिता के सुपुर्द कर आरोपियों की भी गिरफ्तारी की गई। इस पर आईजी हिमांशु गुप्ता ने अपहरण कांड का भंडाफोड़ करने वाली पुलिस टीम को शबासी देते हुए 50 हजार रुपए ईनाम देने की घोषणा की।

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