झेरिया(धोबी) निर्मलकर समाज गणौद परिक्षेत्र का वार्षिक बैठक मंदिर हसौद में संम्पन

*झेरिया(धोबी) निर्मलकर समाज गणौद परिक्षेत्र का वार्षिक बैठक मंदिर हसौद में संम्पन*
*छुरा-मड़ेली*: झेरिया निर्मलकर(धोबी) समाज परिक्षेत्र-गणौद जिला-रायपुर(छ. ग.) का वार्षिक अधिवेशन (बैठक) ग्राम मंदिर हसौद जिला रायपुर में संम्पन हुआ।
इस दौरान कार्यक्रम के पहले 05 मार्च दिन शनिवार को कार्यक्रम का शुभारंभ झेरिया निर्मलकर समाज के पदाधिकारियों द्वारा समाज के इष्टदेव संत गाडगे महाराज जी, धोबिन दाई,व मां सरस्वती की विधि विधान पूर्वक पूजा-अर्चना कर की गई। समाज ने लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया, एवं सामाजिक प्रकरण पर चर्चा व निराकरण भी किया गया।
झेरिया निर्मलकर समाज गणौद परिक्षेत्र के पदाधिकारी:- श्री गौतम निर्मलकर(संरक्षक), भैया राम निर्मलकर (अध्यक्ष), शिवकुमार निर्मलकर(उपाध्यक्ष), कुलेश्वर निर्मलकर(कोषाध्यक्ष),भेखराम निर्मलकर (सचिव), धर्मेंद्र निर्मलकर (सहसचिव), नेतराम निर्मलकर(सलाहकार), कलीराम निर्मलकर (सलाहकार), मोहन निर्मलकर (सलाहकार),राजेश निर्मलकर (अंकेक्षक), भागीराम, जागेश्वर, सालिक निर्मलकर (समाज सेवक) आदि है।
गौरतलब है कि इस वार्षिक सम्मेलन में आमंत्रित अतिथि *श्री मुरहाराम निर्मलकर(अध्यक्ष विन्द्रानवागढ़ परिक्षेत्र), उमेन्द निर्मलकर(उपाध्यक्ष), ईश्वर निर्मलकर (सलाहकार), नारायण निर्मलकर(सलाहकार), माधव निर्मलकर(सचिव), तेजराम निर्मलकर (सहसचिव, मिडिया प्रभारी),मनहरण निर्मलकर(वरिष्ठ समाजसेवी), यशवंत निर्मलकर(समाज सेवक), मुकुंद निर्मलकर, अनूप निर्मलकर, विन्द्रानवागढ़(जिला-गरियाबंद) परिक्षेत्र के झेरिया निर्मलकर समाज के पदाधिकारि एवं गणौद परिक्षेत्र के पदाधिकारि, उपस्थित रहे।
संबोधन में कुलेश्वर निर्मलकर एवं इन्द्रगोपाल.निर्मलकर संचालक ने कहा कि समाज में रहकर ही तो हम मानव से सभ्य मानव बनते हैं। जब समाज हमें इतना कुछ देता है, तो क्या हमारा दायित्व नहीं बनता कि हम समाज को बदले में कुछ दें। हमारा यह परम कर्तव्य है कि समाज की प्रति अपने दायित्व को पूरी तरह से निभाए हमें जो कुछ समाज से मिला है। वो समाज को लौट आए। आमंत्रित पदाधिकारी श्री मुरहा राम निर्मलकर ने कहा समाज के बदलने से पहले खुद को बदलना जरूरी है दुनिया को बदलने से पहले खुद को ठीक करना जरूरी है। सचिव श्री माधव निर्मलकर ने कहा आज धोबी समाज की नींव का विचार हमारे लिए वाकई में प्रेरणादाई है। जिसे एक पौधे के रूप में लगाया गया था। आज यह बड़े- पेड़ के रूप में उग आया है। आज यहां हम अपने सामने असाधारण और छात्रों तथा उनके माता-पिता को देख रहे हैं, जो आज गांव शहर के कोने कोने से हमारे इस सम्मेलन में आए हैं।
सलाहकार ईश्वर निर्मलकर ने कहा हमारा उद्देश्य धोबी समाज के बीच और धोबी समाज के लोगों में एकता और एकजुटता को बढ़ावा देने के लिए और साथ-साथ शहरों में रहने वाले एकदम व्यस्त लोगों को एक साथ एक मंच पर लाकर एक साथ आगे बढ़ने का है। वरिष्ठ समाजसेवी मनहरण निर्मलकर ने कहा कि हम धोबी समाज को एक सशक्त व तनाव मुक्त समाज बनाने के उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ने की कोशिश करना होगा।
सहसचिव श्री तेजराम निर्मलकर निर्मलकर ने अपनी ओजस्वी वक्तत्व शैली और समाज की महिलाओं के उत्थान हेतु निरंतर क्रियाशीलता के लिए धोबी समाज में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाली ममतामई माताओं को प्रणाम, और समाज के संरक्षक, अध्यक्ष व सलाहकार आप लोग एक कुशल व्यक्तित्व के धनी हो , और समाज के अध्यक्ष, सलाहकार होने के साथ ही सदैव सामाजिक क्रियाकलापों में भी सक्रिय रुप से जुड़े हुए हैं अपने
उत्साह से झेरिया धोबी निर्मलकर समाज को एक नई उर्जा दी है जिससे हमें समाज सेवा की प्रेरणा मिली है। आज संगठन की इस उच्च पद पर पहुंच कर समाज को जिस निष्ठा से आप लोगों ने सेवा देते हुए नई दिशा प्रदान कर रहे हैं उससे गणौद परिक्षेत्र गौरवान्वित है।
कार्यक्रम का मंच संचालन श्री इन्द्रगोपाल निर्मलकर तमासिवनी ने किया। अध्यक्ष भैया राम निर्मलकर ने आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम का विधिवत समापन किया गया।