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*रामायण के प्रत्येक पात्र के जीवन चरित्र से सीख लेनी चाहिए :-सांसद बघेल*

*(आदर्श सत्संग समाज मटका की स्थापना के 50 वी वर्षगांठ हिरक जंयती के समापन समारोह पर किसान नेता योगेश तिवारी बतौर अतिथि रहे मौजूद)*

 

बेमेतरा:- आदर्श सत्संग समाज मटका की स्थापना के 50वी वर्षगांठ को हीरक जयंती समारोह के समापन समारोह में सांसद विजय बघेल बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। विशिष्ट अतिथि के रूप में किसान नेता योगेश तिवारी, पूर्व विधायक अवधेश सिंह चंदेल, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष विजय सिन्हा, सभापति जिला पंचायत अजय तिवारी, ओबीसी मोर्चा जिला अध्यक्ष दीपेश साहू, हर्षवर्धन तिवारी, सुरेश पटेल, सांसद प्रतिनिधि अनिल माहेश्वरी आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सांसद बघेल ने उपस्थित जनमानस को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने के लिए हमें रामायण के प्रत्येक पात्रों को जीवन चरित्र से सीख लेनी चाहिए । मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम चन्द्र जी ने असत्य व अनीति का नाश कर सत्य व सदाचारयुक्त राज्य की स्थापना की। प्रभु श्री रामचन्द्र जी का जीवन चरित्र से हमें मर्यादित व्यवहार करने की प्रेरणा मिलती है तो लक्ष्मण जी से हमें भाई के साथ किस तरह व्यवहार करना चाहिए व बड़े भाई का आज्ञाकारी होने की सीख मिलती है। सीता माता के चरित्र से दुख की घड़ी में भी पति के साथ रहने की प्रेरणा मिलती है। भरत जी से हमें भक्ति करने की प्रेरणा मिलती है। हमें रामायण के पात्रों के चरित्र से आत्मसात कर समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करना चाहिए। श्रीराम कथा हमारी छत्तीसगढ़ी संस्कृति का आधार है, श्रीराम कथा सुनने हमारा ये मानव जीवन चरितार्थ हो जाता है। इस दौरान राजेश दीवान, अशोक मिश्रा, चन्द्रिका शर्मा, अनिल यदु, मनोज यदु, मनोज पटेल, रोकेश मोहन, राजेश शर्मा, सतीश कसार, रतिराम साहू, रोशन साहू, पीयूष शर्मा आदि उपस्थित थे।

 

*राम सिर्फ हिन्दू के नहीं, बल्कि समस्त मानव जाति के हैं* 

 

किसान नेता योगेश तिवारी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राम सिर्फ हिन्दू के नहीं, बल्कि समस्त मानव जाति के हैं। उन्होंने कहा कि राम में समग्र विश्व समाहित हो सकता है। राम नाम का जप एक ऐसा दिव्य मंत्र है, जिसे जपने से जीवन से जुड़ी कैसी भी परेशानी हो दूर हो जाती है। यह एक ऐसा मंत्र है जिसे स्वयं देवों के देव महादेव भी स्मरण करते हैं। उनके रुद्रावतार श्री हनुमान जी तो हमेशा इस मंत्र का जाप करते रहते हैं। इसी राम नाम की महिमा का गुणगान गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने रामचरित मानस की चौपाइयों के माध्यम से किया है।

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