पैदल जंगल से गुजरकर, नौका से बांध पार कर स्कूल पहुंचती हैं बच्चियां, डिटेल Girls reach school after crossing the dam by boat, passing through the forest on foot, detail
बंबई उच्च न्यायालय ने एक गांव की उन लड़कियों की दुश्वारियों का स्वत: संज्ञान लेकर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार से जवाब तलब किया, जिन्हें विद्यालय पहुंचने के लिए नौका का इस्तेमाल करना पड़ता है और पैदल जंगल से गुजरना पड़ता है.
न्यायमूर्ति पी बी वराले की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस खबर का स्वत: संज्ञान लिया कि राज्य के सतारा जिले के खिरवंडी गांव के बच्चे को प्रति दिन विद्यालय पहुंचने के लिए कैसे नौका से कोयना बांध को पार करना पड़ता है और वनक्षेत्र से गुजरना पड़ता है.
लड़कियों के नौका से बांध पार कर स्कूल पहुंचने पर जवाब तलब
शुक्रवार को उच्च न्यायालय ने वकील संजीव कदम को अदालत मित्र नियुक्त किया और उन्हें इस मुद्दे पर जनहित याचिका दायर करने का निर्देश दिया. उसने राज्य सरकार को भी हलफनामे के जरिये अपना जवाब दाखिल करने को कहा. अदालत ने कहा कि वह तीन हफ्ते बाद इस मामले पर आगे की सुनवाई करेगी.पीठ ने पिछले महीने इस मुद्दे का संज्ञान लेते हुए कहा था कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना का लक्ष्य लड़कियों को सुरक्षित माहौल प्रदान कर ही हासिल किया जा सकता है. अदालत ने तब कहा था कि छात्राएं विद्यालय पहुंचने के लिए स्वयं ही कोयना बांध के एक छोर से दूसरे छोर तक नौका खेती हैं और फिर घने जंगल से गुजरती हैं.