ग्राम खोखरा धाराशिव मोड़ में करोड़ो की सरकारी जमीन में निर्माण कार्य शुरू, अतिक्रमण मुक्त कराने में अधिकारियों के छूट रहे पसीने
ग्राम खोखरा धाराशिव मोड़ में करोड़ो की सरकारी जमीन में निर्माण कार्य शुरू, अतिक्रमण मुक्त कराने में अधिकारियों के छूट रहे पसीने, बेखौफ होकर करा रहे निर्माण कार्य, मकान निर्माण में लगा था स्टे, राजस्व के अधिकारी व पटवारी ने कराया था काम बंद,जिला प्रशासन बन बैठे मुखदर्शक,राजस्व को करोड़ो का नुकसान
जांजगीर चाम्पा – जिला मुख्यालय से लगे ग्राम खोखरा धाराशिव मोड़ पर करोड़ो की कीमती शाशकीय जमीन में कब्जाधारी मकान निर्माण किए हैं जो सालो से अधूरा पड़ा हुआ था,जिस पर पूर्व में राजस्व के उच्चाअधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार व पटवारी ने मौके पर जाकर निर्माण कार्य बन्द कराया था, साथ ही साथ बाकायदा नोटिस भी चस्पा किया गया था,वही सालो बाद फिर से कब्जाधारी निर्माण कार्य करना शुरू कर दिया हैं, पूर्व में जांजगीर एसडीएम नन्दनी साहू ने कहा था कि धाराशिव मोड़ के आसपास जितने भी शाशकीय जमीन पर होटल, दुकान व चखना सेंटर बना है उस पर पटवारी को जांच करने के लिए निर्देशित किया गया हैं, जांच प्रतिवेदन आने के बाद शाशकीय जमीन से अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा,मगर अब तक कि कोई कार्रवाई नही हुई हैं और न ही अतिक्रमण मुक्त कराया गया हैं, इससे ऐसा प्रतीत होता हैं कि कब्जाधारियों को राजस्व के ही अधिकारियों का सह मिल रहा हैं, अगर ऐसा नही होता तो अब तक के अतिक्रमण मुक्त हो जाता,खबर छपने के बाद भी जिले के मुख्या कुम्भकरण की निद्रा में हैं जबकि जांजगीर दौरे पर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा था कि शाशकीय जमीन पर कार्रवाई कर अतिक्रमण मुक्त कराया जाए, मगर मंत्री के आदेश की अवहेलना व नियमों को दरकिनार कर सिर्फ खाना पूर्ति ही किया जा रहा हैं, ऐसा नही है कि इन कब्जे को लेकर जिले के मुख्या को पता नही हैं, जिले के आलाधिकारियों को सब पता हैं फिर भी अनजान बने बैठे हुए हैं जैसे कुछ पता ही नही हैं, वही करोड़ो की कीमती जमीन पर अतिक्रमण मुक्त कराने में आलाधिकारियों के पसीने भी छूट रहे हैं,इससे राजस्व को करोड़ो का नुकसान हो रहा है,ऐसे में बेखौफ होकर कब्जाधारी निर्माण कर रहे हैं,एक ओर राज्य सरकार शाशकीय जमीन पर अतिक्रमण मुक्त कराने की बात कह रही हैं वही दूसरी ओर जिला के आलाधिकारी नियमों को दरकिनार कर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं, अब देखना होगा कि आखिर कब तक अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा ये जिला प्रशासन के लिए एक सबसे बड़ी चुनौती हैं,