बड़े पैमाने पर हो रही इन दिनों भिलाई इस्पात संयंत्र से कीमती सामानों की चोरी
भिलाई। एशिया के सबसे बड़े संयंत्र भिलाई इस्पात प्लांट में इन दिनों पुरैना, जोरातराई और मगडम क्षेत्र , स्लैग यार्ड क्षेत्र में इन दिनों स्थानीय चोरो द्वारा बड़े पैमाने पर केबल से लेकर मालगाड़ी से कोयला चोरी के अलावा अन्य कीमती सामानों की चोरी का खेल इन दिनों जोर शोर से चल रहा है। इन क्षेत्रों में सीआईएसएफ के अलावा भारतीय सेना के रिटायर फौजियों से भी रेकी कराई जा रही है। सीआईएसएफ तो चोरो को कम पकड़ती है लेकिन भारतीय सेना के रिटायर फौजी जवान अपनी जान को जोखिम मेें डालकर इन चोरों पर अपना शिकंजा कस रहे हैं
लेकिन इन फौजियों के पास कानूनी अधिकार नही होने के कारण ये सीधे माल सहित इन चोरों को सीआईएसएफ को सौँपते हैं। सीआईएसएफ भी कानून का हवाला देते हुए सीधे इन चोरों को लोकल पुलिस स्टेशन के दरवाजे ले जाती है, लोकल थाने में क्या खेल चलता है, ये किसी से छिपा नही है। हर बार प्लांट में हो रही लाखों करोड़ों की चोरियों में सिर्फ और सिर्फ छोटी मछलिया ही सपड़ में आ रही है, बड़े मगरमच्छ और सप्लायर तक कोई भी नही पहुंच पा रहा है आखिर क्यों नही? इतने बडे प्लांट की सुरक्षा तीन तीन एजेंसियों द्वारा की जा रही है,
उसके बावजूद भी यदि चोरी बढ रही है तो और चोरी करवाने वाले बड़े सरगनाओं का पर्दाफाश नही हो रहा है तो वो दिन दूर नही कि प्लांट में चोरी नही लोगीसीना जोरी करके बेखौफ होकर चोरी करेंगे और ये जांच एजेंसियां उनका कुछ भी नही बिगाड़ पायेगी। शातिर चोर इतने एक्सपर्ट है कि वे चोरी के दरम्यिान अपने साथ ही धारदार हथियार (कटर)का भी उपयोग करने से नही चूक रहे हैं। कई दफा भारतीय सेना के रिटायर जवानों पर भी ये चोर हमला कर चुके है। जबसे दुर्ग ग्रामीण् विधानसभा क्षेत्र बना है तबसे थानों की सीमाओं को लेकर भी अक्सर उफ और वो की स्थिति बनी हुई है।
पहले प्लांट का एक बड़ा हिस्सा भ_ी और नेवई थानों के अधीन होता था लेकिन अब पुरैना, डुण्डेरा,जोरातराई सहित प्लांट का पिछला हिस्सा अब उतई थाना क्षेत्र में चला गया है लेकिन सीआईएसएफ जिन चोरो को भी पकड़ती है, उन्हें सीधे भट्टी थाना लेकर पहुंच जाती है। फिर वहां सीमा विवाद का रोना रोया जाता है। वहीं सीआईएसएफ भी सिर्फ और सिर्फ छोटे चोरों को पकड़कर अपना रिकार्ड मेंटेन कर अफसरों से वाहवाही लुटने का कार्य कर रही है। ऐसे में सीआईएसएफ और सेना के रिटायर जवानों को आपसी तालमेल व सामंजस्य बनाकर इन चोरों पर शिंकजा सकते हुए चोरियों पर अंकुल लगाने का बेहतरीन कार्य करना चाहिए।
हाल ही में बीएसपी प्रबंधन ने अपने सीएसआर मद से सीआईएसएफ के सुरक्षा में लगे जवानों को गश्त के लिए 11 मोटरयसाईकिलें उपलब्ध कराई है, वैसे ही संधासन भारतीय सेना के रिटायर उन फौजियों को जो संयंत्र के भीतर ड्यूटी कर अपनी जान को जोखि में डालकर इन चोरियों को रोकने में अपनी बहादुरी का बड़ा परिचय दे रहे हैं। इन्हें भी वह सारी सुविधाये देनी चहिए जैसे की सीआईएसएफ के जवानों को दिया जा रहा है। दोनों ही केन्द्र सरकार के अधीन काम करने वाली एजेंसियां है।