अजब गजब

अजब गजब: समुद्री लुटेरे अपनी एक आंख पर क्यों बांधते हैं पट्टी, जानिए इसके पीछे की वजह Strange: Why pirates tie a bandage on one eye, know the reason behind it

हम सभी ने समुद्री लुटेरों से जुड़ी हुई कई कहानियां और किस्से सुने होंगे। इनको हमने फिल्मों, कार्टूनों में भी देखा होगा। इन समुद्री लुटेरों की वेशभूषा ही अलग होती है। सर पर एक बड़ी सी टोपी, अजीबोगरीब कपड़े और एक आंख पर पट्टी बंधी होती है। एक हॉलीवुड की बहुत ही प्रसिद्ध मूवी है पाइरेट्स ऑफ द कैरेबियन। इस मूवी में समुद्री लुटेरे का किरदार मशहूर हॉलीवुड अभिनेता जॉनी डेप ने निभाया है, लेकिन कभी आपने सोचा है कि आखिर ये लुटेरे अपनी एक आंख पर हमेशा पट्टी क्यों बांधते हैं। दरअसल, आंखें हमारी शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं। इसकी मदद से हम दुनिया को देख सकते हैं। ऐसे में जब समुद्री जहाज उजाले से अंधेरे की तरफ जाता है तो उस अंधेरे में भी साफ देखा जा सके इसके लिए वो एक आंख पर पट्टी बांधते है। लेकिन, इसके पीछे एक विज्ञान काम करता है। आइए जानते हैं कि आखिर ये विज्ञान का कौन सा सिद्धांत है………अब बात करते हैं कि आखिर इसके पीछे का विज्ञान क्या है?

दरअसल, इंसान जब उजाले से अंधेरे की तरफ जाते हैं तो हमारी पुतलियां सामान्य के मुकाबले फैल जाती हैं। ऐसा इसलिए होता है ताकि आंखों को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में प्रकाश मिल सके जिससे अंधेरे में भी आसानी से देखा जा सके, लेकिन जब इंसान अंधेरे से उजाले की तरफ आता है तो आंखों की पुतलियां न तो फैलती है और न ही सिकुड़ती हैं। उस समय आंखे सामान्य हो जाती हैं। ऐसे में समुद्री लुटेरों को महीनों तक समुद्र में जहाज पर यात्रा करनी होती है। इस दौरान उन्हें बार-बार डेक पर जाना होता है। ऐसे में जहाजों में जहां सामान रखे जाते हैं वो काफी अंधरे वाली जगह होती है। ऐसे में जब लुटेरे डेक में घुसते हैं तो अपने आंखों पर से लाल या काली पट्टी हटा लेते हैं।वह ऐसा इसलिए करते हैं कि सामानों को देखने में उन्हें कोई परेशानी न हो। इन्हें अपनी आंखों पर पट्टी बांधने का ये फायदा होता है कि जब वे उजाले से अंधेरे में जाते हैं तो उनकी आंखों की पुतली को फैलने में ज्यादा समय नहीं लगता, क्योंकि उनकी एक आंख तो पहले से अंधेरे में होती है। समुद्र में यात्रा के दौरान आंखों पर पट्टी बांधने का नियम बहुत पुराना है। इस नियम की वजह से दुश्मन से लड़ने के लिए लुटेरों को अपनी दोनों आंखों को अंधेरे और प्रकश के लिए तैयार रखना पड़ता है। हालांकि दिन में पट्टी बांधने की ज्यादा जरूरत होती है, क्योंकि रात में तो अपने आप ही चारों तरफ अंधेरा रहता है जिससे आंखों की पुतलियों पर ज्यादा भार नहीं होता है। 

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