बिलासपुर

औरापानी गांव जहां प्रकृति के साथ अठखेलियां करती चिडियो का है मनमोहक झुण्ड ….प्रियंका की कलम से

कोटा से बेलगहना रूट में जाने पर पहले झेंगटपुर पड़ेगा फिर सेमरिया के पास ही मझगांव लगा हुआ है। मझगांव हाईस्कूल के बगल से एक सड़क गई है वो सड़क सीधे पकड़े रहें औरापानी पहुँच जाएंगे। ये जगह बिलासपुर से बस 45 किलोमीटर के आस पास पड़ता है।

मुझे घूमना, फोटो लेना, मैमोरी बनाना, तो भाई समय कम था सेंटर से जैसे ही घर आई लोवर टीशर्ट में ही निकल पड़े क्योंकि वापस जो जल्दी आना था। सवारी चल पड़ी, गूगल मेप में तो 2 घण्टे दिखा रहा था पर अपने पास सब से बड़ा मेप है और वो है मेरी तिवारी मतलब मेरी दोस्त प्रियंका तिवारी, उसने जो रूट बताया उसमे हम एकदम जल्दी पहुँच गए। 1 बजे बिलासपुर से निकले और 2:20 तक हम औरापानी मे थे। यहाँ एक प्राकृतिक झील जैसा है, जहां पानी बारिश के समय पठारों से बहता होगा। अभी तो सूखा हुआ था पर पिकनिक और छोटी मोटी घुम्मकड़ी के लिए ये जगह सही है। मैं जब जंगल गई तो देखा कि अभी पतझड़ होने की तैयारी शुरू है, पूरे पत्ते पीले हो रखे हैं मानो सोना पेड़ो में लटका हो, वह नज़ारा बहुत सुंदर लग रहा था।

अगर आप कोटा, बेलगहना साइड घूमना चाहते हैं तो पहले चम्पी सरोवर फिर कुदुर और फिर औरापानी जाएं तब फिर आप को ट्रिप जैसा लगेगा। मेरा तो ऐसा है जब मुझे रोज के रूटीन से सफोकेशन होने लगता मैं आस पास घूम आती, खास कर जंगल के तरफ एकदम शान्त सिंगल सड़क और सड़क के दोनों तरफ पेड़, ठंडी एकदम फ्रेस एयर और उन हवाओं में एक खास अरोमा होती उसको पहचान पाना बड़ा मुश्किल है। मेरा मानना है कि उस खुशबू को कोई भी इत्र की फैक्ट्री ना बना सकेगी।

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