खडगवा विकास खंड महिला बाल विकास परियोजना में नित नये कारनामे निकल रहे
श्रीकांत जायसवाल बैकुठपुर
कोरिया/खडगवा विकास खंड महिला बाल विकास परियोजना में नित नये कारनामे निकल रहे हैं सूचना के अधिकार से प्राप्त जानकारी मे आगनबाड़ी केन्द्रों के लिपाई पोताई मे पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार किया गया है। यह आगनबाडी केंद्रों की लिपाई पोताई का कार्य पंद्रह लाख रूपये की लागत का था। जिसमें 250की संख्या में आगनबाडी केंद्रो की लिपाई पोताई करना था और एक आगनबाडी केंद्र का खर्च 6000/–रूपये का था राज्य शासन के द्रारा जारी आदेश मे लेख है कि आगनबाडी केंन्द्रों के अंदर और बाहर की लिपाई पोताई किये जाने के लिए राशि जारी कि गई है।
मगर खडगवा महिला बाल विकास परियोजना में परियोजना अधिकारी के द्रारा इस लिपाई पोताई की राशि का बंदरबांट करने में कोई कोर कसर नहीं छोडी है इस परियोजना अधिकारी ने कोरोना काल में जब पूर्ण रूप से 21/3/2020 को पहला पूरा भारत बंद 21दिनों का लाकडाउन किया गया था। उस पूरा भारत बंद के होने के बाद भी लाकडाउन के दौरान लिपाई पोताई कार्य का दस दस आगनबाडी केंद्रों की लिपाई पोताई का आदेश जारी कर दिया गया और परियोजना स्तरीय समिति की बैठक का भी आयोजन लाकडाउन के दौरान किया गया।
दिनांक 7/4/2020 को पोताई का आदेश देकर उसी दिनांक 7/4/2020 को 49 लोगों से अनुमति मे हस्ताक्षर भी करा लिए जबकि इस दौरान किसी भी व्यक्ति को घर से बाहर निकलने और आने जाने की इजाजत नहीं थी हर चौक चौराहे पर पुलिस तैनात थी उसके बाद भी इस परियोजना अधिकारी के द्रारा समिति के बाहरी सदस्यों को बुलाकर बैठक कर ली गई और उन 49 लोगों को बुलाकर अनुमति मे हस्ताक्षर भी करा लिए। अब सवाल ये उठता है कि जब पूर्ण रूप से भारत में लाकडाउन था तो इस महिला बाल विकास की परियोजना अधिकारी ने इन आगनबाडी केंद्रों की लिपाई पोताई के लिए 49 पेंटरों को आदेश दिनांक 7/4/2020 को जारी कर दिया गया। लाकडाउन में इस परियोजना अधिकारी को प्रशासन ने विशेष छूट दे रखी थी। इनके द्वारा कार्यालय में लोगों को बुलाकर बैठक की और पेंटरो को अनुमति आदेश दिया गया। ये भी एक जाँच किए जाने योग्य है?
इस खडगवा परियोजना में 250 आगनबाडी केंन्द्रों मे से एक भी आगनबाडी केंद्रों की अंदर पोताई नहीं कि गई है यहां तक कि परियोजना स्तरीय समिति के सदस्यों के आगनबाडी केंद्रों की भीतरी पोताई नहीं हुई है तो और अन्य जगहों की कया सथिति होगी ये खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है इस परियोजना की ज्यादातर आगनबाडी केंद्रों की बाहर की पोताई सिर्फ सामने कि दिवार को ही किया गया है।
आगनबाडी केंद्रों की लिपाई पोताई के लिए विभाग के द्रारा सथनीय पेंटरो के आवेदन तो परियोजना खडगवा मे लिया गया और कार्य का आदेश चिरमिरी के पेंटरो को दिया गया सथनीय पेंटरो मे महज दो पेंटरो को कार्य दिया गया।
आगनबाड़ी केंद्रों की गुणवत्ता विहीन लिपाई पोताई कराकर कमाई का जरिया बना लिया गया है महिला बाल विकास के द्वारा पेंटरो को मनमानी ढंग से कमीशन खोरी के चक्कर में कार्य देकर लिपाई पोताई का काम दे दिया गया है। आगनबाड़ी केन्द्र की लिपाई पोताई मे जितनी राशि आगनबाड़ी भवन को चकाचक करने में लगाई जानी है वह नहीं लगी है !
इस विकास खंड के मुख्यालय सहित दूरदराज के आगनबाड़ी केंद्रों में अंदर के हिस्से में लिपाई पोताई तक नहीं हुई है और आगनबाड़ी कार्य कर्ताओ से कार्य पूर्ण:त का प्रमाण पत्र लिया गया है वो सभी सेक्टरो का एक ही लिखावट मे है और किसी भी कार्य पूर्ण:त प्रमाण पत्र में कोई भी दिनांक नहीं डाल है कि लिपाई पोताई का कार्य कब पूर्ण हुआ औरपूर्ण:त प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है या कराया गया है इस विकास खंड के आगनबाडी केंद्रों की लिपाई पोताई मे भारी भ्रष्टाचार किया गया है इसकी जाच कर कार्रवाई कि जाने की मांग की जा रही है।
इसकी शिकायत मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन महिला बाल विकास मंत्री छत्तीसगढ़ शासन रायपुर मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन कलेक्टर कोरिया से लिखित में शिकायत किए लगभग आठ से दस माह हो गये जिसकी जांच आज तक पूरी नहीं हुई और ना ही किसी प्रकार की कोई कार्रवाई हुई शासन के लाखों रूपए का फ़र्ज़ीवाडा किया गया है।