छत्तीसगढ़

नियमों में पारदर्शिता व एकरूपता हेतु शासन से आदेश जारी करने की मांग,सभी स्तर के पदसंख्या व स्थान को सार्वजनिक करे शासनः उदय प्रताप सिंह Demand to issue orders from the government for transparency and uniformity in rules, government should make public the number and place of all levels: Uday Pratap Singh

नियमों में पारदर्शिता व एकरूपता हेतु शासन से आदेश जारी करने की मांग,सभी स्तर के पदसंख्या व स्थान को सार्वजनिक करे शासनः उदय प्रताप सिंह

श्री कांत जायसवाल कोरिया

बैकुण्ठपुर/छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के कोरिया जिला अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने कहा की छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने पत्र भेजकर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग कमल प्रीत सिंह, सहायक संचालक आशुतोष चावरे, अशोक बंजारासे चर्चा करते हुए मांग किया कि वन टाइम रिलेक्सेशन के तहत की जा रही पदोन्नति प्रक्रिया में राज्य शासन से वरिष्ठता निर्धारण व नियमों में एकरूपता हेतु स्पष्ट आदेश जारी किया जावे। अधिकारियों को प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने अवगत कराया है कि पदोन्नति हेतु वरिष्ठता निर्धारण संभाग, जिला व ब्लॉक में अलग अलग ढंग से विसंगति पूर्ण किया गया है, इस हेतु शासन से एक स्पष्ट निर्देश सभी संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग, सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को जारी किया जावे, जिससे प्रदेश भर में वरिष्ठता का एकरूपता से निर्धारण हो। प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने प्रमुख सचिव को अवगत कराया कि व्याख्याता, प्रधान पाठक मिडिल, शिक्षक व प्रधान पाठक प्राथमिक के पदों पर कुल कितने पद व एल बी संवर्ग को 5 मार्च 2019 के नियमनुसार कुल कितने पद में पदोन्नति किया जाना है, सक्षम अधिकारी द्वारा सार्वजनिक ही नही किया जा रहा है, इससे नियम का सही पालन सम्भव नही होगा, अतः सभी स्तर के पदोन्नति के पद सार्वजनिक होना चाहिए। व्याख्याता पद पर एल बी संवर्ग के शिक्षको का सी आर व संपत्ति विवरण मंगाकर उन्हें भी व्याख्याता पद पर पदोन्नति दिया जावे, इससे निचले स्तर पर पदोन्नति हेतु क्रमशः अधिक पद की उपलब्धता होगी।
वरिष्ठता के लिए प्रदेश के अलग अलग ब्लाकों में चार प्रकार से वरिष्ठता का क्रम निर्धारण किया जा रहा है
पहला प्रकार किसी ब्लाक में नियुक्ति तिथि के क्रम में वरिष्ठता सूची बनाया जा रहा है। दूसरा प्रकार किसी ब्लाक में कार्यभार ग्रहण तिथि वरिष्ठता सूची बनाया जा रहा है। तीसरा प्रकार किसी ब्लाक में जन्म तिथि को आधार बनाकर वरिष्ठता सूची बनाया जा रहा है। चौथा प्रकार किसी ब्लाक में संविलियन आदेश के क्रम को ही वरिष्ठता सूची माना जा रहा है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने सामान्य प्रशासन विभाग के वरिष्ठता निर्धारण नियम व शिक्षा विभाग द्वारा जारी वरिष्ठता निर्धारण नियम का पालन करते हुए पारदर्शिता पूर्ण सूची बनाने की मांग की है। सभी पदों पर पदोन्नति हेतु ग्रेडेशन सूची की आवश्यकता है, अतः यह सूची नियमानुसार बने, जिसमे पारदर्शिता हो तथा प्रदेश भर के पदोन्नति में एकरूपता हो।
बस्तर संभाग की त्रुटि
बस्तर संभाग में 1993 से 97 तक नियुक्त शिक्षकों का नाम है जबकि शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति 1998 से है। 1.05.05 से संविदा और शिक्षा गारण्टी के शिक्षकों को शिक्षा कर्मी बनाया गया जबकि 2001, 2002, 2003, 2004 से प्रथम नियुक्ति दर्शाया गया है। कहीं प्रथम नियुक्ति तो कहीं जन्मदिन को आधार बनाया गया है। कुछ जिलों में वरिष्ठता दिनांक शिक्षा विभाग में संविलियन दिनांक 01.07.18 माना गया गया है सभी का समान होने के कारण जन्मदिन को आधार बनाया गया है। बस्तर सभाग में अब वरिष्टता सूची 01/07/2018 की संविलियन आदेश के क्रम से बनाने कहा गया है। जबकि संविलियन आदेश के क्रम में भी भारी विसंगति है। इस संविलियन आदेश के क्रम को अब फिर दावा आपत्ति करने दिया जाए उस समय भी क्रम में बहुत गलतियां हुई है। शिक्षको का संविलियन आदेश डीईओ के द्वारा किया गया सबको मर्ज करके फिर दावा आपत्ति किया जाकर क्रम में सुधार किया जाय। डेट ऑफ आर्डर को उल्टे क्रम में लिखा गया गया पहले माह फिर 2006, 2007 में पदोन्नत शिक्षक 2008 में नियुक्त अधिक उम्र के शिक्षकों से कनिष्ठ हो रहे हैं। चूंकि सभी का संविलियन 1.07.2018 को हुआ है। अंतिम सूची का प्रकाशन के साथ पदों की सख्या एवम स्कूल का नाम भी प्रकाशन किया जाय। बिलासपुर सभाग की तरह काउंसलिंग पूरे प्रदेश में किया जाए।
दुर्ग संभाग की त्रुटि
पदोन्नति में वरिष्ठता का निर्धारण अलग अलग जिलों में अलग है,कही प्रथम नियुक्ति तो कही जन्मतिथि, कही पदभार ग्रहणको माना गया तो कही कार्यभार ग्रहण तिथि को। कई जिलों में वरिष्ठता सूची विषय वार नही बना है।जिससे बहुत से सहायक शिक्षको को नुकसान हो रहा है सहायक शिक्षक विज्ञान को कई जिला समग्र वरिष्ठता सूची से अलग रखके अलग सूची बना दिया गया है। स्थानांतरित शिक्षको, सहायक शिक्षको का वरिष्ठता का निर्धारण स्पष्ट हो। इसमें जनपद में परिवर्तन हुआ है उसके बारे में भी स्प्ष्ट किया जाए।
रायपुर सम्भाग की त्रुटि
1986 से 97 तक नियुक्त शिक्षकों का नाम है जबकि शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति 1998 से है। 1.05.05 से संविदा और शिक्षा गारण्टी के शिक्षकों को शिक्षाकर्मी बनाया गया जबकि 2001, 2002, 2003, 2004 से प्रथम नियुक्ति दर्शाया गया है। कहीं प्रथम नियुक्ति तो कहीं जन्मदिन को आधार बनाया गया है। कुछ जिलों में वरिष्ठता दिनांक शिक्षा विभाग में संविलियन दिनांक 01.07.18 माना गया गया है सभी का समान होने के कारण जन्मदिन को आधार बनाया गया है। कई शिक्षकों का नाम एक से अधिक बार अंकित है। स्थानांतरित शिक्षकों का वरिष्ठता निर्धारण में समानता नहीं है। डेट ऑफ आर्डर को उल्टे क्रम में लिखा गया गया पहले माह फिर दिनांक 2006,2007 में पदोन्नत शिक्षक 2008 में नियुक्त अधिक उम्र के शिक्षकों से कनिष्ठ हो रहे हैं चूंकि सभी का संविलियन 1.07.2018को हुआ है।
बिलासपुर सम्भाग की त्रुटि
सामान्य प्रशासन विभाग के वरिष्ठता निर्धारण नियम किसी ब्यक्ति की वरिष्ठता उसकी योग्यता क्रम के आधार पर अवधारित की जाएगी, इस नियम का पालन नही किया जा रहा है, 1.05.05 से संविदा और शिक्षा गारण्टी के शिक्षकों को शिक्षाकर्मी बनाया गया जबकि 2001, 2002, 2003, 2004 से प्रथम नियुक्ति दर्शाया गया है। वरिष्ठता के लिए के अलग अलग ब्लाकों में अलग अलग प्रकार से वरिष्ठता का क्रम निर्धारण किया जा रहा है, किसी ब्लाक में नियुक्ति तिथि के क्रम में वरिष्ठता सूची बनाया जा रहा है, किसी ब्लाक में कार्यभार ग्रहण तिथि वरिष्ठता सूची बनाया जा रहा है, किसी ब्लाक में जन्म तिथि को आधार बनाकर वरिष्ठता सूची बनाया जा रहा है, किसी ब्लाक में संविलियन आदेश के क्रम को ही वरिष्ठता सूची माना जा रहा है बिलासपुर संयुक्त संचालक द्वारा जारी निर्देश में संविलियन सूची में किसी प्रकार का फेरबदल नही करने को कहा गया है जबकि संविलियन सूची से भिन्न अलग ही सूची जारी कर दावा आपत्ति मंगाया गया है, संविलियन सूची को ही नियमानुसार नही बनाया गया है, दिवंगत व सेवानिवृत शिक्षकों तथा ई संवर्ग के शिक्षकों, तथा जिले से बाहर स्थानांतरित शिक्षकों का नाम सूची में शामिल है।
सरगुजा संभाग में त्रुटि
पदोन्नति हेतु समय-सारिणी का निर्धारण नहीं है। सेटअप के अनुसार विषयवार वरिष्ठता सूची के निर्धारण में स्पष्टता नहीं है। शिक्षकों से अनावश्यक विभिन्न प्रकार के दस्तावेज जमा कराए जा रहें है। पदस्थापना हेतु काउन्सलिंग किये जानें के संबंध में अनिर्णय की स्थिति है। पदोन्नति के पदों को सार्वजनिक नहीं किया गया है।

Related Articles

Back to top button