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धूमधाम से मनाई माता शाकंभरी की जयंती

रतनपुर – करैहापारा स्थित पटेल धर्मशाला के प्रांगण में दान पुण्य का पर्व छेरछेरा एवम माता शाकंभरी देवी की जयंती धूमधाम से मनाई गई। हवन-पूजन करा कर मां शाकंभरी को भोग अर्पित किया गया। इस अवसर पर प्रसाद वितरण किया गया

मां शाकंभरी को देवी दुर्गा का रूप माना जाता है। पौष मास की पूर्णिमा को मां दुर्गा ने मानव कल्याण के लिए शाकंभरी रूप लिया था। मार्कंडेय पुराण के अनुसार दानवों के उत्पात से त्रस्त भक्तों ने कई वर्षों तक सूखा एवं अकाल से ग्रसित होकर देवी दुर्गा से प्रार्थना की तब मां दुर्गा ने इस अवतार में प्रकट हुईं। अपने भक्तों को इस हाल में देखकर देवी की हजारों आंखों से नौ दिनों तक लगातार आंसुओं की बारिश हुई। जिससे पूरी पृथ्वी पर हरियाली छा गई। यहीं देवी शताक्षी के नाम से भी प्रसिद्ध हुई एवं इन्हीं देवी ने कृपा करके अपने अंगों से कई प्रकार की शाक, फल एवं वनस्पतियों को प्रकट किया। इसलिए उनका नाम शाकंभरी प्रसिद्ध हुआ।

पौष मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शाकंभरी नवरात्र का आरंभ होता है, जो पौष पूर्णिमा पर समाप्त होता है। इस दिन शाकंभरी जयंती का पर्व मनाया जाता है।
मान्यता के अनुसार इस दिन असहाय को अन्न, शाक (कच्ची सब्जी), फल व जल का दान करने से अत्यधिक पुण्य की प्राप्ति होती हैं व देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं।

इस अवसर पर विश्राम पटेल, शंकर पटेल, परदेसी पटेल, कृष्णा पटेल, बेदराम पटेल, दिलहरण, पटेल तीरथ, भुनेश्वर, द्वारिका, बिहारी, दीनू, कौशल, हर्ष पटेल, एवम समाज के वरिष्ठ सदस्यों ,युवा वर्ग,महिलाएं एवम बच्चे उपस्थित थे

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