*बारिश की बौछारों के कारण जिलेवासियों की मकर संक्रांति रही फीकी, किसानों के लिए कोरोना के साथ मौसम की दोहरी मार*

*बेमेतरा:-* ज़िलाक्षेत्र में मकर संक्रांति का पर्व इस बार आकस्मिक मौसम व बारिश की बौछार का भेंट चढ़ गया। लिहाजा जिलेवासियों के लिये नए वर्ष के आगाज के बाद मनाया जाने वाला यह पहला त्योहार फीकी नज़र आया। हालाँकि मकर संक्रांति का त्यौहार पूर्व की तुलना में इस बार दो दिनों तक मनाया जा रहा है। जिसमे 14 जनवरी के साथ 15 जनवरी को भी मकर संक्रांति पर्व का मुहूर्त बताया जा रहा है। जो इस बार मौसम के साये में होने के कारण पर्व की रौनकता एवं उत्साह फीका नज़र आया है।
*अन्नदाता किसानों को कोरोना के साथ पड़ रही मौसम की दोहरी मार*
गौरतलब हो कि एक ओर कोरोना महामारी के पुनः वापसी के बीच परिस्थितियां एवं वातावरण बदली हुई है और वही रही सही कसर मौसम ने पूरी कर दी है। साल के शुरुआत से ही लगातार हफ्तेभर से बारिश ने लोगों को चिंता में डाल दिया है, जिसमे सबसे ज्यादा ज़िले के किसान वर्ग को प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि इस मौसमी बदलाव व वातावरण में नमी के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है, लिहाजा किसानों को बड़ी मात्रा में नुकसान होने की गुंजाइश नज़र आ रही है।
*कृषिप्रधान ज़िले में फसलो को लगातार बड़ी नुकसान*
ज्ञात हो कि कृषिप्रधान एवं कृषि सम्पन्न बेमेतरा ज़िलेभर के अन्नदाता किसानों द्वारा अपने खेतों में इन दिनों रबी के फसलो के रूप में चना, गेहूं, अरहर एवं अन्य सब्जियों की खेती का दौर है, जिसमे कुछ फसल पकने की चरण मे है, लिहाजा यह सभी फसल बारिश की बौछार एवं नमीपन जिलेभर के अन्नदाता किसानों को हानिकारक साबित हो सकता है।बताया जा रहा है कि हफ्तेभर से जारी मौसमी परिवर्तन का असर फसलो पर पड़ना स्वभाविक है, जिससे किसानों को काफी बड़ी संकट का सामना आगामी दिनों में करना पड़ सकता है।