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पत्रकारों की अधिमानता की प्रक्रिया पर अब उठने लगे है गंभीर सवाल

दुर्ग / पत्रकार देश का चौथा स्तम्भ होता है चाहे कैसी भी स्थिति क्यों ना हो पत्रकार देश दुनिया और आपके आसपास की ख़बरों का संकलन कर समाचार के माध्यम से उसको आपके सामने परोसने का कार्य पूरी जवाबदारी और ईमानदारी के साथ करता और आपकी आवाज़ बनकर जनप्रतिनिधियों व अधिकारीयों से सवाल जवाब करता है ! वही पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सभी सरकारों ने कुछ ना कुछ कार्य भी किया है . शासन द्वारा पत्रकारों की सुरक्षा और भविष्य के लिए भी कई योजनाये लागू की गयी है, जिसमे से एक योजना  है पत्रकारों की अधिमान्यता की, पहले जिला स्तर पर अधिमान्यता होती थी लेकिन छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार आने के बाद ब्लाक स्तर , जिला स्तर , प्रदेश स्तर पर अधिमानता प्रमाण पत्र जारी किये जाने का आदेश दिया गया. इसके लिए पत्रकार को उक्त स्थान / शहर में रहकर क्षेत्र में सक्रीय रहने व कार्य करने की शर्त है, अधिमान्यता की पात्रता पाने के लिए ज़रूरी दस्तावेजो को ऑनलाइन शासन के साइड में जमा करना होता है जिसे उक्त स्थान के समिति के सदस्यों द्वारा भौतिक परिक्षण कर ये निर्णय लिया जाता है की अधिमानता के लिए आवेदन करने वाला पत्रकार जिस स्थान से अधिमानता चाह रहा है, उस स्थान पर सक्रीय रूप से कार्य कर रहा है या नहीं, किन्तु दुर्ग संभाग के कुछ पत्रकार ऐसे भी है जो उक्त स्थान पर कभी कार्य किये ही नहीं, सक्रियता की बात तो दूर है उसके बावजूद ऐसे पत्रकारों को भी अधिमानता पत्र प्राप्त होना कई सवालों को जन्म दे रहा है ! जबकि कई सक्रीय पत्रकार जो क्षेत्र में सक्रियता से कार्य करते दिखाई देते है वो इस प्रमाण पत्र को पाने से वंचित हो रहे है ! .
शासन के नियमो का और नियमो के लचीलेपन का फायदा उठाकर अधिमानता का लाभ लेने वाले पत्रकारों के इस अनैतिक कार्य को अगर समय पर रोका नहीं गया तो कोई बड़ी बात नहीं की भविष्य में अधिमानता पत्र भी लाखो में बिकने लगेंगे और पूंजीपति पत्रकारों की अनुशंषा करने वालो हर बैठक में लाखो कमाएंगे !
आज भी क्षेत्र में ऐसे पत्रकार है जो शासन की इस महत्तवपूर्ण योजना का लाभ सही व्यक्ति को मिले इस प्रयास में लगे हुए है, किन्तु सिर्फ चंद लोग अपने आर्थिक स्वार्थ  के लिए शासन की इस योजना का भी बंटाधार करते नजर आ रहे है ! शासन प्रशासन को जरुरत है कि ऐसे लोगो की जानकारी ले और उन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करे, ताकि उन पत्रकार भाइयों को इसका लाभ मिल सके तो सक्रियता से सही दस्तावेज और पुरे नियमो का पालन करते हुए पत्रकारिता का कार्य कर रहे है, और जो सही मायने में पात्रता रखते है, क्योकि जबसे प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा अधिमानता पत्रकारों के लिए पेंशन योजना लागू की गयी है तब से ही फर्जी दस्तावेज के सहारे अधिमानता पत्रकार बनने की दौड़ शुरू हो गई है, जिसमे से अभी तक कई लोग सफल भी हो गए है, जिसको लेकर अब दुर्ग समेत अन्य जिलों से भी फर्जी अधिमान्यता की बात निकालकर सामने आ रही है !

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