कुंभ मेले की तरह ‘सुपर स्प्रेडर’ साबित हो सकता है गंगासागर मेला, हेल्थ एक्सपर्ट्स की चेतावनी Gangasagar Mela can prove to be a ‘super spreader’ like Kumbh Mela, health experts warn
कोलकाता. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि जब देश कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर (Coronavirus Third Wave) की ओर बढ़ रहा है,ऐसे वक्त में सागर द्वीप पर होने वाले धार्मिक आयोजन गंगासागर मेले (Gangasagar Mela) को अनुमति देना ‘सुपर स्प्रेडर’ घटना साबित हो सकती है. सुपर स्प्रेडर का अर्थ है कि संक्रमितों के जरिए संक्रमण का तेजी से फैलना. विशेषज्ञों का कहना है कि हरिद्वार, प्रयागराज और अन्य स्थानों पर लगने वाले कुंभ मेले (Kumbh Mela) के समान ही इस मेले में भी लाखों की संख्या में लोग आते हैं और यह मेला संक्रमण के प्रसार का केन्द्र बन सकता है.संक्रामक रोग एवं बेलियाघाटा जनरल (आईडी एंड बीजी) अस्पताल की प्रधानाचार्य डॉ अनिमा हलदर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा ,‘‘ यह (गंगासागर मेला) निश्चित रूप से एक सुपर-स्प्रेडर होगा. इसमें कोई संदेह नहीं है. लाखों लोग एकत्र होंगे और हमें डर है कि कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन होगा.’’ उन्होंने कहा,‘‘यह निश्चित रूप से वायरस के प्रसार को बढ़ाएगा. यह मेला निश्चित रूप से प्रसार (कोरोनावायरस) का एक जरिया बनेगा. दैनिक मामलों की संख्या अभी की तुलना में कहीं अधिक होगी.’’
डॉक्टर्स ने की थी रोक लगाने की मांग
चिकित्सकों के एक फोरम ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर कर लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया कि आठ जनवरी से 16 जनवरी तक मकर संक्रांति के अवसर पर कोलकाता से लगभग 130 किलोमीटर दूर स्थित सागर द्वीप पर वार्षिक गंगासागर मेला आयोजित न किया जाए.
हालांकि उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से कोविड प्रोटोकॉल का पालन होने का आश्वासन मिलने के बाद मेले के आयोजन को अनुमति दे दी थी.डॉ हलदर की राय से डॉ हीरालाल कोनार ने सहमति व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इस बात की आशंका है कि स्थिति हाथ से निकल जाएगी साथ ही उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो स्वास्थ्य देखभाल ढांचा बुरी तरह चरमरा जाएगा. डॉ कोनार ‘वेस्ट बंगाल ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स’ के संयोजकों में से एक हैं.डुबकी लगाते समय दूरी संभव नहीं
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉलरा एंड एंटरिक डिजीज की निदेशक डॉ शांता दत्ता ने भी यही आशंका दोहराते हुए कहा कि इतनी बड़ी सभा में लोगों को नियंत्रित करना और उनके सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना एक कठिन काम है. डॉ दत्ता ने कहा “डुबकी लेते समय दूरी? ऐसा संभव नहीं होगा. इसलिए, यह निश्चित रूप से वायरस को अधिक से अधिक फैलने मार्ग प्रशस्त करेगा.”वहीं
पीयरलेस हॉस्पिटल के क्लिनिकल डायरेक्टर, एकेडमिक्स एंड रिसर्च डॉ सुभ्रोज्योति भौमिक ने कहा, “हां, मेरा मानना है कि गंगासागर मेला जैसे आयोजन सुपर स्प्रेडर हैं और कोविड -19 को आग की तरह फैलने में मदद करेंगे. यह स्पष्ट है कि ओमिक्रॉन देश में टीकाकरण की दोनों डोज लेने वाले लोगों को भी संक्रमित कर सकता है.”