kondagaon_ कांकेर में पत्रकारों पर हमले के विरोध में सौंपा ज्ञापन, नहीं हुई कार्यवाही तो होगा आंदोलन

कोंडागाँव। शनिवार 26 सितंबर को कांग्रेस के नेताओं ने गुण्डों के साथ मिलकर कांकेर थाने में व थाने के सामने वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला पर प्राणघातक हमला किया था इस मामले में मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी की भूमिका होने के आरोप भी लग रहे हैं आरोपियों में कांग्रेस नेता नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ठाकुर, विधायक प्रतिनिधि गफ्फार मेमन, इंटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गणेश तिवारी व अन्य शामिल है। इसमें पुलिस व प्रशासन की भूमिका भी संदेह के दायरे में है। जिस पर तवरित कार्यवाही के लिए महामहिम राज्यपाल महोदया के नाम कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच डिप्टी कलेक्टर भगतराम ध्रुव को जिले के सभी पत्रकारों ने ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल को अवगत करवाया गया है कि कांकेर में गुंडो के हौसले इतने बुलंद थे कि पत्रकार सतीश यादव को पीटते हुए थाने तक ले जाते है, जहाँ उल्टे पुलिस हमलावरों की शिकायत पर सतीश यादव के ही खिलाफ एफआईआर लिखने लगती है। जिस पर पुलिस अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी उंगलियां उठ रही हैं।
वही पत्रकारों मीडिया कर्मी पर बीच बाजार हमाल की सूचना पर वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला के नेतृत्व में 20-25 पत्रकार थाने पहुंच थे। जहाँ थाना परिसर को ही कांग्रेसी व गुण्डों ने घेर लिया था। यही नही गफ़्फ़ार मेमन थाने में पिस्टल लहरा कर पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दे रहा था। जिसके बाद गफ्फार मेमन, जितेन्द्र सिंह ठाकुर व गणेश तिवारी ने मिलकर कमल शुक्ला पर जानलेवा हमला कर दिया। इस मामले से आक्रोशित कांकेर जिला प्रेस क्लब दक्षिण बस्तर पत्रकार संघ समेत राजनांदगांव, अम्बिकापुर, रायगढ़, कोंडागाँव समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों के पत्रकार शनिवार शाम से कांकेर में दिनांक 27.09.2020 की संध्या तक धरने पर बैठे रहे है। सत्ताधारी कांग्रेस के संरक्षण के चलते गुण्डों पर उचित धाराओं के तहत कार्यवाही नहीं की गई है। इस संबंध में संज्ञान लेते हुये राज्यपाल से न्याय की आशा करतें मीडिया कर्मियों ने ज्ञापन सौंपा हैं। जिसमे मारपीट के आरोपी कांग्रेसी गुण्डों पर उनके द्वारा किये गये गंभीर अपराध पर लगने वाली न्यायोचित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया जाये।
कांकेर के कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को अविलंब कांकेर से हटाया जाये। घटना की राजनीतिक साजिश व कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक की भूमिका की जांच की जाये। मौके पर उपस्थिति होने के बावजूद मूक दर्शक बने रहे व अपने कर्तव्य में नाकाम रहे। एसडीओपी व कांकेर थाना प्रभारी पर डिमोशन की कार्यवाही की जाए। साथ ही 01 मिन 93 1200 गफ्फार मेमन को जारी पिस्टल लाइसेंस रद्द कर पिस्टल की जप्ती कार्यवाही की मांग की गई है। वही 01 अक्टूबर 2020 तक समुचित कार्यवाही नहीं होती है तो 02 अक्टूबर को रायपुर में मुख्यमंत्री निवास के सामने पत्रकार धरना देने को बाध्य होगें व आंदोलन करेंगें।
ज्ञापन सौंपने के दौरान सुरेन्द सोंपीपरे, संभू यादव, शैलेष शुक्ला, बिदोष चंदेल, रमाकांत सिन्हा, आशीष दास, बिरज नाग, इशरार अहमद, अमरेश, अनुज, नीरज उइके, घनश्याम शर्मा, मनोज शर्मा, खिरेंद्र यादव, दुर्गानाथ देवांगन, राजीव गुप्ता व अन्य पत्रकार साथी शामिल रहे।