आशियाने के लिए भटक रहे ATR के 32 बैगा परिवार, सरकार से कर रहे ये मांग
सबका संदेश न्यूज़ छत्तीसगढ़ मुगेली- मुंगेली जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व जंगल के 32 बैगा परिवार अपने आशियाने के लिए दर-दर भटक रहे है. लेकिन इन आदिवासियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. घने जंगल वाले गांव अतरिया के ये बैगा आदिवासी परिवार पिछले कई सालों से यहां निवास कर रहे थे. मगर वन्यजीवों के कारण इनके जीवनयापन में भारी परेशानी आ रही थी. इसके कारण ये 32 परिवार गांव छोड़कर सरकार से विस्थापन कराए जाने की मांग कर रहे है।
शासन के मंशानुसार एटीआर के 19 गांवों को विस्पाथित कराया जाना था. लेकिन वर्ष 2009-10 में केवल 6 गांव ही विस्थापित कराया जा सका. बाकी गांवों को केवल जमीन ही दिखाया जा रहा है और वन विभाग द्वारा गुमराह किया जा रहा है. राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा आदिवासी खुद जंगल छोड़कर बाहर प्रगति की राह पर चलने विस्थापित होना चाह रहे है. मगर सरकार इन बैगा आदिवासियों की सुध नहीं ले रही है. घर नहीं मिलने से ये बैगा आदिवासी भटकने को मजबूर हो रहे है.
एटीआर बनने के बाद से इन गांवों में कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है. इस वजह से सड़क, स्कूल बिजली के साथ आवास जैसे सुविधाओं से भी बैगा आदिवासी वंचित हो रहे है. फिलहाल ये परेशान 32 परिवार लोरमी के कारीडोंगरी के एक सामुदायिक भवने में रह रहे है. केवल दो कमरों के इस भवन में 32 परिवार कैसे रह रहे है,इसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते. वहीं जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि सरकार से आदेश के बाद ही विस्थापन की प्रक्रिया शुरू कराया जा सकता है.
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