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*बाल विवाह होने के पूर्व दो बलिकाओ का रोका गया विवाह*

बेमेतरा:- जिले के विकासखण्ड बेरला के ग्राम किरीतपुर के एक परिवार मे दों नाबालिग बालिकाओ का विवाह किये जाने की सूचना पर जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सह बाल विवाह प्रतिशेध अधिकारी रमाकांत चंद्राकर के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी व्योम श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में विभाग की पर्यवेक्षक श्रीमती उषा मंडावी, आउटरीच राजू प्रसाद शर्मा, चाईल्ड लाईन बेमेतरा से दिनेश कश्यप पुलिस विभाग से सिटी कोतवाली बेमेतरा धनेश कुमार लहारे आरक्षक एवं 03 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्थानीय संरपंच, कोटवार, व प्रबुद्ध नागरीको की सहायता से उन बालिकाओ के निवास स्थान पर पहुँची, उक्त विवाह स्थल ग्राम किरीतपुर विकासखण्ड बेरला जिला बेमेतरा बारात 06 जनवरी को आने वाली थी। वधु पक्ष को समझाईस दी गई जिस पर उनके द्वारा सहर्ष ही बालिका के निर्धारित आयु पूर्ण होने के उपरांत ही विवाह किये जाने हेतु अपनी सहमति प्रदान की तथा विवाह स्थगित करने की बात कही गई, बालिका के परिजनों के अनुसार हमें यह ज्ञात नहीं था कि वर्तमान में मैाजूदा कानून के तहत् 18 वर्ष से कम आयु की बालिका एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालक का विवाह गैर कानूनी है।

अधिकारियों द्वारा समझाईस दिये जाने पर उन्होने उक्त बालिका का विवाह वर्तमान में मौजूदा कानून के तहत् विवाह किये जाने की शपथपूर्वक कथन किया। तथा उन्हे बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 में उल्लेखित प्रावधानों के बारे में बताया गया कि निर्धरित आयु पूर्ण होने के पूर्व विवाह करवाना अपराध है, जो भी व्यक्ति ऐसा करता या कराता है या विवाह में सहयोग प्रदान करता है,तो उसे भी 02 वर्ष तक कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि एक लाख रू. तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है।

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