*ज़िले में धारा 144 के प्रभावी होते ही बढ़ी जरूरी सामानों की जमाखोरी-मुनाफ़ाखोरी का कारोबार
*बेमेतरा:-* वैश्विक महामारी के पुनः बढ़ते प्रभाव के कारण एक ओर समूचे जिलाक्षेत्र में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने व नियंत्रित करने ज़िला प्रशासन अभी शुरुआती तैयारियां करने में जुटा है। वही आपदा को अवसर बनाने वाले व्यापारी ऐसे मौके पर जरूरी सामान, गुटखा, सहित राशन सामानों की अभी से खुलेआम जमाखोरी एवं कालाबाज़ारी करने शुरू कर दिए है। जिसमे थोक कर व्यापारी सामानों को जमा कर स्टॉफ करने लगे है तो कोई सामानों की कमी बताकर तयशुदा दामों से अधिक कीमतों पर बेचकर गोरखधंधा करने लगे है।गौरतलब हो कि विगत दो वर्षों के दौरान आये कोरोना काल मे लॉकडाउन लगने पर भीषण सन्कट को देखते हुए व्यापारियों द्वारा नमक से लेकर गुड़ाखु तक की कालाबाजारी बढ़ गयी थी। जो अब बढ़ते कोरोना के कारण ज़िला में लॉकडाउन के अंदेशे में ही अवैध एवं गैरकानूनी कारोबार को बढ़ाने लगे है, जो अभी से आमजनता के लिए परेशानी का सबब बन गया है।
*पूर्व के सन्कटकाल मे दोगुना से पांच गुणा में बिका था जरूरी सामान*
उल्लेखनीय है कि हाल के बीते वर्षों में कोरोना संकट के दौरान लगे ज़िलाव्यापी लॉकडाउन के दौर में इन्ही व्यापरियों द्वारा जरूरत के सामानों को दोगुने से पांच गुने कीमत पर बेचकर मुनाफाखोरी का कार्य किया गया था। वही अब प्रशासन की ज़रा सी हलचल से पुनः ऐसी स्थिति के अंदेशे के साथ व्यापारियों का गोरखधंधा एवं कलाबाजारी बढ़ती जा रही है। जिसमे थोक कस व्यापारी जरूरी सामानों को स्टॉक की किल्लत बताकर या तो जमा कर रहे अन्यथा कीमत बढाकर खपा रहे है।जिस पर जिला प्रशासन को संज्ञान में लेने की आवश्यकता है।
*ज़िले में अभी सिर्फ धारा 144 एवं नाईट कर्फ्यू ही प्रभावी*
दरअसल शासन-प्रशासन के दिशानिर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा पूरे ज़िलेभर में धारा 144 व नाईट कर्फ्यू लगाया गया है। साथ ही भीड़भाड़ वाले सभा, जुलूस रैली, सामाजिक कार्यक्रम इत्यादि पर प्रतिबंध लगाई गयी है।वही निश्चित शर्तों के साथ जरूरी कार्यक्रमों में छूट दी जा रही है।
*कोरोना के मरीज का आंकड़ा इकाइयों में*
फ़िलहाल राजधानी रायपुर ज़िला से लगा होने के बावजूद बेमेतरा ज़िला क्षेत्र कोरोना संक्रमण के मामले में अभी इकाइयों में नज़र रहे है। जिसमे विगत बुधवार की रिपोर्ट देखे तो मात्र दो लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। वही कुल छह लोग समाचार लिखे जाने तक कि स्थिति में पृथकवास व एकांतवास स्थिति में उपचार चल रहा है। जिससे रफ्तार अभी अन्य जिलों की तुलना में धीमा होने के कारण खतरा कम है। फिर भी लोगों की लापरवाही नज़र आ रही है।