कॉफ्लुयन्स मिलिट्री एकेडमी के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने की मांग
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दुर्ग। छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल के द्वारा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग दिल्ली, सीबीएसई दिल्ली, कलेक्टर दुर्ग, डीईओ दुर्ग, छत्तीसगढ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर से लिखित शिकायत कर यह जानकारी दिया है कि कॉफ्लुयन्स एकेडमी, नगपुरा-दुर्ग ने बच्चों के साथ जान-बुझकर धोखाधड़ी किया जा रहा है। मिलिट्री स्कूल और सीबीएसई एफिलियेशन होने की जानकारी देकर बच्चों को प्रवेश दिया गया। बच्चों को कॉफ्लुयन्स मिलिट्री एकेडमी, नगपुरा, दुर्ग के नाम से टीसी और रिजल्ट दिया जा रहा है, जबकि शिक्षा विभाग, दुर्ग और छग राज्य माध्यमिक शिक्षा मंडल, रायपुर के द्वारा उन्हें कॉफ्लुयन्स एकेडमी के नाम से स्कूल संचालित करने और बोर्ड की मान्यता दिया गया है और यह मिलिट्री स्कूल नहीं है और ना ही इस स्कूल को सीबीएसई एफिलियेशन प्राप्त है, लेकिन स्कूल, संस्था के द्वारा गलत नाम (कॉफ्लुयन्स मिलिट्री एकेडेमी) से स्कूल संचालति करते हुये बच्चों से करोड़ों रूपये फीस के रूप में लेकर बच्चों के जीवन व भविष्य के साथ जान-बुझकर खिलवाड़ कर आपराधिक षड्यंत्र कर सीधे स्कूल, संस्था को अनुचित लाभ पहुंचाने का कृत्य किया जा रहा है।
श्री पॉल ने बताया कि स्कूल, संस्था के संचालकगणों और प्राचार्य के द्वारा किये गये अपराध गंभीर प्रकृति के है। इसलिये पीडि़त पालकों ने भी कलेक्टर दुर्ग से लिखित शिकायत कर कॉफ्लुयन्स एकेडमी, नगपुरा, दुर्ग के संचालकगणों और प्राचार्य के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की गई है।
इस स्कूल की विगत एक वर्ष से लिखित शिकायत की जा रही है, लेकिन शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन ने कोई ठोस कार्यवाही नहीं किया जिसका परिणाम अब दिखने लगा है। मिलिट्री शब्द का उपयोग कर पालकों और बच्चों को गुमराह कर स्कूल ने अब तक करोड़ों की कमाई की जा चुकी है अब जाकर जांच में इसकी पोल खुल रही है। शिक्षा विभाग के द्वारा बीते वर्ष ही स्कूल को मिलिट्री शब्द का उपयोग नहीं करने की हिदायत दी गई थी, लेकिन स्कूल ने ऐसा नहीं किया, जबकि स्कूल को इसी शर्त में कॉफ्लुयन्स एकेडमी के नाम से स्कूल संचालित करने और बोर्ड की मान्यता दी गई है कि स्कूल मिलिट्री शब्द का उपयोग नहीं करेगा। अब पैरेंट्स एसोसियेशन के साथ पीडि़त पालकों ने मिलकर मोर्चा खोल दिया है और सचांलकगणों और प्राचार्य के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने मांग की गई है।
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