छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

जमीन पर कब्जे को लेकर हुआ विवाद, विरोध करने बड़ी संख्या में पहुंचे लोगो के बोल अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ कब्जा, पुलिस से भी शिकायत

भिलाई। अधिकारियों की मिलीभगत से भूमाफिया सरकारी जमीनों को फर्जी तरीके से करोड़ों में बेंचकर स्वयं मालामाल हो रहे है और अधिकारियों को भी मालामाल कर रहे है। इस प्रकार का एक मामला भिलाई तीन चरौदा नगर निगम के अंतर्गत हथखोज क्षेत्र में सामने आया है। यहां एक भूमाफिया श्मशान घाट की जमीन कब्जा कर उसे बेच रहा था। जब इसकी जानकारी ग्रामीणों को हुई तो सैकड़ों की संख्या ग्रामीणों ने पहुंच कर विरोध जताया। इसके बाद निगम से जेसीबी भेजकर कब्जे को खाली कराया गया। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत भिलाई तीन थाने में भी की है।

हथखोज के ग्रामीणों से ने बताया कि यहां बड़े पैमाने पर इंडस्ट्रिल एरिया के नाम पर डीआईसी की जमीन पड़ी हुई है। इसी जमीन पर एक श्मशान घाट भी बना हुआ है। यहां पर तीन वार्डों के लोग अंतिम संस्कार का कार्य करते हैं। कुछ समय पहले यहां एक भूमाफिया ने आकर इस जमीन को अपना बताया और उसे घेरकर कब्जा कर लिया। इसके बाद उसने डीआईसी के अधिकारियों से मिलीभगत इस जमीन को बेचना शुरू कर दिया। जब ग्रामीणों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने बड़ी संख्या में पहुंचकर इसका विरोध किया। बढ़ते विरोध को देखकर सोमवार सुबह निगम एक जेसीबी भेजी और बेजा कब्जा को खाली कराया गया। इसके बाद भी जब विरोध शांत नहीं हुआ तो भिलाई तीन थाने में मामले की शिकायत की गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा अवैध कार्य-बंछोर
हथखोज निवासी भीखू बंछोर का आरोप है कि यह जमीन मुक्तिधाम के नाम पर पड़ी हुई है। डीआईसी के अधिकारी इसे अपनी बताकर किसी दूसरे व्यक्ति को सौंप दिए हैं। न तो इस जमीन को किसी को अलाट किया गया और न ही बेची गई है। इसके बाद भी भूमाफिया यहां कब्जा करके जमीन को करोड़ों रुपए में लोगों को बेच रहा है। भीखू बंछोर का आरोप है कि स्थानीय लोगों को रहने के लिए यहां जमीन नहीं है और बाहर से लोग आकर यहां मकान बना रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने यह जमीन खरीदी है। पुलिस और अधिकारी क्या कर रहे हैं। कोई तीसरा आदमी यहां की करोड़ों की जमीन को बेचकर चला जा रहा है। इसमें जिला स्तर के अधिकारी से लेकर डीआईसी के अधिकारियों की मिलीभगत है।

उग्र प्रदर्शन की चेतावनी
हथखोज के रहने वाले राजकुमार देवांगन और अन्य लोगों का कहना है कि वह किसी भी कीमत में मुक्तिधाम की जमीन को बिकने नहीं देंगे। इस मामले की जांच करके आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह लोग इसे लेकर उग्र आंदोलन करेंगे।

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