राज्य शासन के नियम के बाहर नही है बीएसपी प्रबंधन- ज्ञानचंद जैन

व्यापारियों की समस्या हल नही हुआ तो जाएंगे हाईकोर्ट
भिलाई। बीएसपी नगर सेवा विभाग के जीएम के अमानवीय व्यवहार एवं भिलाई टाउनशिप के अधिकारियों द्वारा बिलों के भुगतान व संपत्ति कर की राशि के साथ दिए जाने का दबाव नि:संदेह निंदनीय व अधिकारियों की तानाशाही प्रवृत्ति का घोतक है। जिसका चेम्बर खुलकर विरोध करती है। उक्त बातें आज एक पत्रकारवार्ता में भिलाई स्टील चेम्बर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन एवं महासचिव दिनेश सिंघल ने कही। उन्होंने आगे कहा कि बिजली बिलों का भुगतान को लेकर व्यापारियों को बीएसपी प्रबंधन गुमराह कर रहा है और कह रहा है कि संपत्तिकर का भुगतान पहले करें। तभी बिजली बिल का भुगतान हम लेंगे। श्री जैन ने आगे बताया कि हमने व्यापारियों से अपील की है कि वर्ष 2011-12 और 12-13 का प्रापर्टी टैक्स ना पटाएं। क्योकि बीएसपी ने उसमें छूट देने की घोषणा की थी। वहीं 5 जुलाई 2019 को आयुक्त, कलेक्टर, बीएसपी के सीईओं व विधायक देवेन्द्र यादव के बीच एक मध्यस्थता बैठक हुई। व्यापारियों को जो नोटिस भेजा गया है उसे शून्य करने की सहमति बनी थी। लेकिन बीएसपी के विभागीय अधिकारियों द्वारा सिर्फ व सिर्फ व्यापारियों को गुमराह किया जा रहा है। जिससे व्यापारी उद्धेलित है। बीएसपी 4 सौ दुकानदारों के मामले में कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है। तो हमारी फाईल इस्पात मंत्रालय व सेल बोर्ड को भेजे। फिर भी निर्णय होता है तो हाईकोर्ट का रास्ता व्यापारी अपनाएंगे। इस मामले में पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय, ताम्रध्वज साहू, रमेश बैस और देवेन्द्र यादव ने भी काफी प्रयास किए है। लेकिन बीएसपी प्रबंधन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। सेक्टर-10 में शौचालय बदहाल है। सिविक सेंटर में व्यापारियों को पानी के लिए पानी टैंकर पर निर्भर रहना पड़ता है। पत्रवार्ता में शमशेर सिंग, शेखर संगेवाल, सुरेश रत्नानी, महेश, श्रीनिवास खेडिय़ा सहित बड़ी संख्या में व्यापारी मौजूद थे।