सीईओ ने विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार के चयनित कार्मिकों को दी बधाई .भिलाई इस्पात संयंत्र के 19 कर्मियों का हुआ चयन


भिलाई। भारत सरकार के श्रम मंत्रालय द्वारा निष्पादन वर्ष-2017 के लिये विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की गई है। राष्ट्रीय स्तर पर घोषित इस पुरस्कार में बीएसपी के तीन समूहों में 19 कार्मिकों को चयनित किया गया है। इन सृजनशील कार्मिकों को आज 05 अगस्त को इस्पात भवन के सीईओ सभागार में आयोजित समारोह में सीईओ अनिर्बान दासगुप्ता ने बधाई दी। संयंत्र को विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु चयनित होने पर सीईओ ने हर्ष व्यक्त किया।
इस अवसर पर संयंत्र के कार्यपालक निदेशक संकार्य पी के दाश, कार्यपालक निदेशक वित्त एवं लेखा बी पी नायक, कार्यपालक निदेशक सामग्री प्रबंधन एस के खैरूल बसर, कार्यपालक निदेशक खदान एवं रावघाट मानस बिस्वास, निदेशक प्रभारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ डॉ एस के इस्सर, महाप्रबंधक प्रभारी परियोजनाएँ ए के भट्टा सहित अवार्ड हेतु चयनित तीनों समूहों के कार्मिकों के विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
इस अवसर पर सीईओ अनिर्बान दासगुप्ता ने बधाई देते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि यह जो अवार्ड मिला है उसमें कार्मिकों के प्रयास के साथ ही उनके परिवार की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि परिवार के सदस्यों के सहयोग के बिना अवार्ड जीतना संभव नहीं होता है। अत: अवार्डी के परिवार के सदस्य भी बधाई के पात्र हैं। सीईओ श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले समय में भिलाई बिरादरी के कार्मिक ज्यादा से ज्यादा समूहों में, बड़ी संख्या में तथा ए केटेगरी का विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर बीएसपी को गौरवान्वित करेंगे।
श्रम मंत्रालय की घोषणा के अनुरूप गु्रप बी अवार्ड केटेगरी में संयंत्र के एसएमएस-1 विभाग के प्रथम समूह के 6 कार्मिकों मनोज कुमार मेश्राम, व्ही जनार्दन राव, राधा कृष्ण नायर, कैलाश राम, शीतल कुमार मिश्रा एवं भेवेन्द्र कुमार शामिल हैं।
गुप सी अवार्ड केटेगरी में पीएलईएम के द्वितीय समूह के 7 कार्मिकों सर्वश्री विवेकानंद सुर, अरूण कुमार प्रसाद, शेख महमूद, रूप सिंह ठाकुर, प्रकाश चन्द्र वर्मा, आर रेजी कुमार एवं माधव राव सम्मिलित हैं। इसी प्रकार गुप सी अवार्ड के अन्तर्गत ब्लास्ट फर्नेस के तृतीय समूह के 6 कार्मिकों के शेषगिरी, चौधरी मनीष जैन, एम मुरलीधर, किशोर कुमार साव, ऋपन सूत्रधार एवं हेमंत कुमार शामिल हैं। इन कार्मिकों ने सृजनशील कार्य संपादित करके अपने-अपने विभागों के साथ ही संयंत्र के लिए बहुमूल्य आर्थिक बचत कर उल्लेखनीय कार्य को अंजाम दिया है।