मुझे जन्मदिन पर उपहार नही सिर्फ आशीर्वाद दें, यही मेरे सबसे बड़ी पूंजी- गृहमंत्री ताम्रध्व साहू

राजनीति के दो ध्रुव मोतीलाल वोरा और वासुदेव चन्द्राकर का भी मुझे भरपूर आशीर्वाद मिला
होटल ग्रांड ढिल्लन में एक दिन पूर्व ही मनाया गया लोनिर्माण मंत्री साहू का जन्मदिन
भिलाई। प्रदेश के गृह एवं लोकनिर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू का जन्मदिन एक दिन पूर्व ही होटल ग्रांड ढिल्लन नेहरू नगर में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस समारोह का आयोजन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इरफान खान, अतुलचंद साहू, बृजमोहन सिंह एवं अरूण सिसोदिया ने किया।
इस अवसर पर दुर्ग शहर विधायक अरूण वोरा, सारंगढ विधायक, सरगुजा विधायक, पूर्व विधायक बीडी कुरैशी, आईपी मिश्रा, जिला कांगे्रस अध्यक्ष तुलसी साहू, न्यू प्रेस क्लब की नवनिर्वाचित अध्यक्ष भावना पाण्डेय, मो. इरफान खान, जितेन्द्र साहू, उद्योगपति के के झा, शंकराचार्ज कालेज की डायरेक्टर श्रीमती जया मिश्रा, डॉ. विनय जयसवाल, बृजमोहन सिंह ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के व्यकित्त्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं एवं बधाई दी। इस दौरान मंत्री श्री साहू जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष श्रीमती तुलसी साहू और अन्य समर्थकों के साथ अपने जन्मदिन का केक काटा। इस दौरान लोगों ने मंत्री श्री साहू के साथ जमकर सेल्फी ली और कई लोगों ने उन्हें गुलदस्ता प्रदान कर उनको जन्मदिन की बधाई दी।
इस अवसर पर लोगों द्वारा अपने जन्मदिन में स्वागत से अभिभूत प्रदेश के पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मैँ शुरू से ही अपना जन्मदिन नही मनाता था, वह जब पहली बार धमधा के विधायक बने उसके बाद, वह दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के सांसद बने तो मेरे जन्मदिन के बधाई देने का सिलसिला भिलाई के कार्यकर्ताओं और जनता के द्वारा शुरू हुआ जो अब वृहद रूप में मेरा जन्मदिन मनाने की प्रक्रिया शुरू हो गया है। जन्मदिन कहने से खुशी का माहौल जरूर रहता है, लेकिन मेरा मानना है कि जीवन का एक वर्ष कम हो गया। जीवन में खुशियां जरूर होनी चाहिए, ईश्वर ने हमें सही और सच्चा कार्य करने के लिए कहा है और मंैं अपने सभी लोगों और कार्यकर्ताओं से कहता हूं कि मेरे जन्मदिन पर कोई उपहार न दें, सिर्फ अपना आशीर्वाद और प्यार दें वहीं मेरे लिए बडी पूंजी है। मैं कई सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रमों में भी जाता हूं। न जाने ईश्वर हमसे क्या क्या कार्य कराना चाहता है। उस ओर हमें ध्यान देना चाहिए। मुझे आज तक जो कुछ भी मिला, उसे मैं गॉड गिफ्ट ही मानता हूं। जन्महुआ फिर पढाई और उसके बाद खेती किसानी किये। उसके बाद राजनीति में आये सन 1998 में जब विधानसभा का चुनाव हो रहा था, मेरा पैर फेक्चर था में घर में रहकर अपना उपचार करवा रहा था, हल्का फुल्का चल पाता था तभी अचानक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रदीप चौबे का फोन आया कि आप हल्का फुल्का चल पायेंगे क्या? मैंने कहा जरूर वह मुझे घर ले गये और वरिष्ठ कांग्रेस नेता और उस समय के तत्कालीन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्गविजय सिंह से बात कराई, उन्होंने पूछा कि आप चुनाव लडोगे मैंने कहा जरूर उसके बाद जागेश्वर साहू की टिकिट काटकर मुझे धमधा से टिकिट दी गई और चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच गया और धमधा का मैं दो बार विधायक रहा और जनता के आशीर्वाद से मैं उसके बाद सांसद का और अब फिर विधायक का चुनाव जीता। मेरा ऐसा मानना है कि मेरा लोगों से जुड़ाव जीवन भर के लिए जुड़ता है, मैं राजनीतिक नही पारिवारिक रिश्ते बनाने में अधिक विध्वास रखता हूं। राजनीति रिश्ता सिर्फ वोट लेने तक का होता है, लेकिन पारिवारिक रिश्ता हमेश रहता है। मैं अपने से जुडे सभी लोगों को अपना पारिवारिक सदस्य मानता हूं, चाहे कोई बडा छोटा आदमी हो या अधिकारी हो, सभी से मेरे पारिवारिक रिश्ता हैं। खासकर से धमधा के लोगों में मेरे से बहुत अपनापन है, वे आज भी बेहिचक मुझसे सभी कामों के लिए सीधे संपर्क करते है और कहते हैं कि मैं आपको ये काम बताया था अभी तक नही किये। लोगों के बीच अपनापन होना भी एक बड़ी पूंजी है। पद के लिए लोग जिन्दाबाद की बडी बडी बातें करते हैं, उसमें भीड भी बहुत होती है, लेकिन सच्चे में जिन्दाबाद का मायने यही है कि पीठ पीछे में भी लोग जिन्दाबाद कहे और अच्छा कहने वाले लोग हो वही बड़ी पूंजी है। उन्होनें कहा कि लक्ष्य के प्रति जागरूक रहे किसान हो चाहे भिखारी हो हर व्यक्ति से हमे सीख मिलती है, उसे हमें नजर अंदाज नह करना चाहिए। सहयोगी, संगति, मां बाप, भाई बहन, व रामायण के मंच से मुझे काफी अच्छे संस्कार मिले। इस जिले के पूर्व मुख्यमंत्री एवं अभा कांग्रेस कमेटी के अंतरिम अध्यक्ष मोतीलाल वोरा और वासुदेव चन्द्राकर विपरीति ध्रुव थे लेकिन इन दोनो से ही मेरे संंबंध बहुत अच्छे थे और ये दोनो मुझे बहुत मानते थे और इन दोनो नेताओं का भरपूर आशीर्वाद मुझे मिला।
वरिष्ठ कांग्रेस के सांसदों के रहते हुए सोनिया गांधी ने मुझे दी थी आठ आठ बड़ी जिम्मेदारी
जब मैं सांसद था उस समय हमेशा दिल्ली आते जाते समये कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी से महिने में दो बार मुलाकात करने जाता था और मेरे स्वभाव का कार्यकुशलता को देखते हुए वरिष्ठ सांसदों के रहते हुए भी मुझे आठ आठ बडी जिम्मेदारियों दिये थे, उन्होंने मुझसे पूछा था कि हम चुनाव क्यों हार गये तो मैेन कहा था कि हमारा संगठन कमजोर है, उसे सोनिया गांधी ने भी स्वीकार किया। एक बार की बात है कि मैं सीधे सोनिया गांधी से अपना चुनाव का कुछ पुराना बिल चुकाने के लिए रूपये की डिमांड कर दिया था, उस दौरान श्रीमती गांधी ने पूछा था कि क्या आपको चुनाव लडने के लिए पार्टी से फँड नही मिला था क्या? तो मैने कहा था कि मिला था उसके बाद भी मैं अपना मकान और कुछ जमीन भी बेंच दिया हूं। उसके बाद श्रीमती सोनिया गांधी ने सह्रदयता ने मुझे मेरे मांग के अनुरूप रूपये भी दिये।
कार्यक्रम में भूपत साहू, ट्रांस्पोर्टर वीरा सिंह, इन्द्रजीत सिंह उर्फ छोटू, पूर्व विधायक प्रतिमा चन्द्राकर, पूर्व महापौर सुश्री नीता लोधी, अनिल साहू, सुभाष साव, संजय ओझा, के एस बेदी, महेश जयसवाल, सीजू एंथोनी, ब्रजेश शर्मा, लोकनिर्माण विभाग के युवा कांट्रेक्टर श्री ओबेराय, बंशी अग्रवाल, मुकेश चन्द्राकर, मंगा सिंह, संदीप निरंकारी, विरेन्द्र सतपती,पार्षद जोहन सिन्हा, डॉ. दिवाकर भारती, श्रीमती सुभद्रा सिंह, दादू नागदेव, समीर साहू, अमित उपाध्याय, अमित जैन, अशोक गुप्ता सहित सभी कांग्रेस के नेता एवं पत्रकारगणों के अलावा अन्य समाज के लोग और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर रोहित झा, लखन पटेल, सीएसपी अजीत यादव, विश्वास चन्दाकर, उत्तम वर्मा सहित अन्य पुलिस के अधिकारी उपस्थित थे।