*दूसरों में छोटी-छोटी कमियां त्रुटियां दोष देखकर उनसे संबंध ना तोड़ें – ज्योतिष कुमार।*
अन्यथा आप का अपना जीवन जीना भी कठिन हो जाएगा।”
केवल एक ईश्वर ही ऐसा पदार्थ है, जिसमें कमियां त्रुटियां दोष नहीं हैं। एक भी दोष नहीं है। एक भी कमी नहीं है। ईश्वर को छोड़कर बाकी सब जीवात्माओं में कुछ न कुछ कमियां त्रुटियां दोष होते हैं। “प्रायः लोग जब दूसरों में छोटे-छोटे दोष कमियां देखते हैं, तो उनसे दुखी नाराज होकर उनसे संबंध तोड़ देते हैं। फिर दूसरे व्यक्ति से संबंध जोड़ते हैं। कुछ दिनों के बाद उसकी कमियां दोष भी दिखने लगते हैं। कुछ ही दिनों में उनके दोष देखकर, दुखी होकर वे उनसे भी संबंध तोड़ देते हैं।” “इस प्रकार के लोग सारा जीवन दुखी रहते हैं। लोगों से संबंध तोड़ते रहते हैं। और अपने दोषों की ओर ध्यान नहीं देते।”
“जब दूसरे लोगों में दोष कमियां त्रुटियां हैं, तो क्या आप में नहीं हैं? आपमें भी तो हैं।” किसी में कोई दोष त्रुटियां हैं, आपमें कुछ उनसे भिन्न प्रकार की दोष त्रुटियां हैं। कमियां तो सभी में हैं। “यदि आप दूसरों की छोटी-छोटी कमियां/ दोष देख कर उन से संबंध तोड़ देंगे, तो कल को दूसरे लोग भी आपके अंदर कमियां और दोष देख कर आप से भी संबंध तोड़ देंगे।” तब वे भी आपको कोई सहयोग नहीं देंगे। “फिर आप अकेले पड़ जाएंगे, और दुखी हो जाएंगे। धीरे-धीरे आप डिप्रेशन में चले जाएंगे। बताइए आप भी कैसे जी पाएंगे? इसलिए ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए। छोटी मोटी कमियां गलतियां सब में होती हैं। दूसरों की गलतियों को सहन करना चाहिए।”
महर्षि मनु जी ने धर्म के 10 लक्षण बताए हैं। उनमें से क्षमा करना अर्थात सहन करना, यह भी एक लक्षण है। “तो क्षमा करना, धर्म के इस लक्षण का पालन करें। यदि आप दूसरों की कमियों त्रुटियों दोषों आदि को सहन करें, तो आपका जीवन भी ठीक चलेगा, और उनका भी ठीक चलेगा। एक दूसरे से सहयोग लेते रहेंगे, देते रहेंगे। सब की उन्नति होती रहेगी। और धीरे-धीरे एक दूसरे की सहायता से सब का जीवन आसानी से पार हो जाएगा। इस प्रकार से सोचना और करना ही बुद्धिमत्ता है, इससे विपरीत नहीं।”
—- ज्योतिष कुमार