कब है संकष्टी चतुर्थी? नोट कर लें चंद्रोदय समय और पूजा मुहूर्त When is Sankashti Chaturthi? Note down moonrise time and puja muhurta

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, पौष माह का प्रारंभ 19 दिसंबर दिन रविवार से हो रहा है. पौष माह (Paush Month) के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 19 दिसंबर को सुबह 10:05 बजे से लग जाएगी. ऐसे में संकष्टी चतुर्थी में कुछ दिन ही शेष हैं. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह संकष्टी चतुर्थी साल 2021 की आखिरी संकष्टी चतुर्थी है. इस दिन भगवान गणेश जी (Lord Ganesha) की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं कि संकष्टी चतुर्थी व्रत कब है? पूजा का मुहूर्त क्या है और चंद्रमा का उदय (Moon Rising) कब होगा?
संकष्टी चतुर्थी 2021 तिथि एवं पूजा मुहूर्त
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, पौष कृष्ण चतुर्थी 22 दिसंबर दिन बुधवार को शाम 04:52 बजे से लगेगी. इस तिथि का समापन 23 दिंसबर गुरुवार को शाम 06:27 बजे होगा. चतुर्थी तिथि में चंद्रोदय 22 दिसंबर को होगा, इसलिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत 22 दिसंबर को रखा जाएगा.
इस साल की आखिरी संकष्टी चतुर्थी व्रत इंद्र योग में रखा जाएगा. इंद्र योग दोपहर 12:04 बजे तक है. ऐसे में आप चाहें तो सुबह से लेकर दोपहर 12 बजे के मध्य तक भगवान श्रीगणेश की पूजा कर सकते हैं.
संकष्टी चतुर्थी पूजा
संकष्टी चतुर्थी की पूजा में गणेश जी को फूल, फल, अक्षत्, धूप, दीप, गंध, चंदन, मोदक, दूर्वा आदि अर्पित करें. गणेश चालीसा का पाठ करें और पूजा के अंत में गणेश जी की आरती विधिपूर्वक करें. संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करना न भूलें. रात के समय में चंद्रमा का दर्शन करें और जल अर्पित करें.
संकष्टी चतुर्थी 2021 के दिन चंद्रोदय
22 दिसंबर को संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रमा रात 08:12 बजे उदय होगा. चंद्रमा को जल अर्पित करने के बाद ही पारण करें.
संकष्टी चतुर्थी का व्रत सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला और संकटों को हरने वाला है. भगवान श्रीगणेश की कृपा से सभी कार्य सफल और सिद्ध होते हैं.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं.sabkasandesh.com इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)