साहित्यकारों ने दी शिक्षाविद टी एस ठाकुर को अश्रुपूरित श्रद्वांजलि, यादें कि साझा

कोंडागांव । छत्तीसगढ़ हिन्दी साहित्य परिषद व राष्ट्रीय पत्रिका ककसाड़ के संयुक्त तत्वाधान में मां दंतेश्वरी हर्बल इस्टेट कोण्डागांव में श्रंद्वाजलि सभा का आयोजन किया गया। जिसमें छ.ग. हिन्दी साहित्य परिषद कोण्डागांव के संरक्षक शिक्षाविद टी. एस. ठाकुर को अश्रुपूरित श्रंद्वाजलि दी गई। सभी साहित्यकारों ने अपनी-अपनी यादें साझा की जिसमें सर्वप्रथम परिषद के अध्यक्ष हरेन्द्र यादव ने उन्हें याद करते हुए उनके साथ बिताये समय की यादें साझा की। वरिष्ठ साहित्यकार यशवंत गौतम ने अपने अध्यापन काल में उनके द्वारा दी गई सीख को जीवन के लिए मिसाल बताया। गायत्री परिवार प्रमुख इं.जी. एस.पी. विश्वकर्मा सृजेता ने शिक्षाविद टी.एस. ठाकुर पर केन्द्रित अपनी कविता सुनाई परिषद के सचिव उमेश मण्डावी ने अपने स्कूल में प्रतिवर्ष हिन्दी पखवाड़ा पर उनके साथ बिताये पल को याद कर उन्हें श्रंद्वाजलि दी। कोषाध्यक्ष बृजेश तिवारी ने उनके जीवन से अनुशासन को अपनाने की प्रेरणा लेने की सलाह देते हुए उन्हें श्रद्वा सुमन अर्पित किये।
स्वर कोकिला शिप्रा त्रिपाठी ने गीत के माध्यम से उन्हें याद किया परिषद के संरक्षक व जनजातीय चेतना कला संस्कृति व साहित्य की मासिक पत्रिका ककसाड़ के संपादक डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने स्व. टी. एस. ठाकुर को समाज व परिवार के प्रति सर्मपित व्यक्तित्व का अनुपम उदाहरण बताया तथा उन्होंने कहा कि उनका पूरा जीवन अनुकरणीय है वो हमेशा हमारे बीच जीवित रहेंगे और सदैव प्रेरणा देते रहेंगे श्रंद्वाजलि सभा का संचालन करते हुए कवियित्री मधु तिवारी अत्यंत भावुक हो गई एवं अश्रुपूरित नेत्रों से श्रंद्वाजलि अर्पित की उन्होंने वरिष्ठ साहित्य कार सुरेन्द्र रावल द्वारा दुरभाष पर दिया गया संदेश सुनाया। के. के. पटेरिया, जमील खान, अनुराग त्रिपाठी ने भी अपनी श्रंद्वाजलि अर्पित की सभा के अंत में दो मिनट का मौन रखकर मृतआत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्राथना की। सभा में गायत्री परिवार, संपदा समाज सेवी संस्था, मां दंतेश्वरी हर्बल समूह से जुड़े गड़मान्य व्यक्ति उपस्थित थे ।