करंजी स्कूल में हरेली के अवसर पर पारम्परिक खेलों का आयोजन

कोंडागांव । राज्य शासन के मंशानुरूप एवं जिला प्रशासन के निर्देशानुसार शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करंजी मे कृषि प्रधान संस्कृति के महत्व को दर्शाने वाले छत्तीसगढ़ की ग्रामीण संस्कृति का पहला और प्रमुख हरेली अमुस तिहार पुरे हर्षोल्लास एवं उत्साह के साथ मनाया गया।
हरेली पर्व के महत्व को बताते हुए संस्था की प्राचार्य भुपेश्वरी ठाकुर ने हरेली पर्व की शुभकामनायें देते हुए कहा कि यह पर्व हरियाली का सन्देश देते हुए प्रकृति और पशुओं के प्रति प्रेम करने की जिम्मेदारी का अहसास कराती है। संस्था के शिक्षक टी.एंकट राव ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हमे अपनी पुरानी परम्पराओं और संस्कृति को जीवित रखने के लिए इस प्रकार के तीज-त्योहारों को मिल जुलकर एक साथ मनाना चाहिए साथ ही इस पर्व की विशेषता को बताते हुए पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से इस त्यौहार के महत्व को बताया। इसी कड़ी मे शिक्षक शैलेश साहू, रमन ठाकुर एवं लम्बोदर पाण्डेय ने भी इस पर्व पर प्रकाश डालते हुए अपनी-अपनी बात रखी।
इस अवसर पर जिला प्रशासन के मंशानुसार पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के उद्धेश्य से संस्था के सत्यम, शिवम, सुंदरम और मधुरम ग्रुप के छात्र-छात्राओं के बीच कबड्डी, रस्साखींच, फुगड़ी, बिल्ला, पिट्ठूल आदि खेल प्रतियोगिताओ का आयोजन किया गया। जिसमे स्कूली छात्र-छात्राओं के साथ-साथ ग्रामवासियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
इस मौके पर संस्था प्राचार्य भुपेश्वरी ठाकुर, सी.एल. माहला (संकुल समन्वयक), लम्बोदर पाण्डेय, सुरेन्द्र पटेल, शैलेश साहू, तुलाराम नेताम, विनोद कश्यप, रमन ठाकुर, वत्सला नाग, रेणुका किशोर, सुधा सोम, दुलारी साहू, खेमीन ठाकुर, पूर्णिमा ध्रुव, अर्चना, श्रीधर कश्यप, बुध्मन शोरी, भुवन मानिकपुरी, छात्र-छात्राएं एवं ग्रामवासी उपस्थित थे।