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गीता योग, संयोग,एवम प्रयोग ग्रन्थ- डाक्टर तिवारी लोरमी-गीता जयंती मोक्ष एकादशी के अवसर पर शासकीय बालक पूर्व माध्यमिक विद्यालय डिण्डौरी मे हर्षोल्लास के साथ गीता जयंती मनाई गई

गीता योग, संयोग,एवम प्रयोग ग्रन्थ- डाक्टर तिवारी लोरमी-गीता जयंती मोक्ष एकादशी के अवसर पर शासकीय बालक पूर्व माध्यमिक विद्यालय डिण्डौरी मे हर्षोल्लास के साथ गीता जयंती मनाई गई। इस अवसर पर शिक्षक डाक्टर सत्यनारायण तिवारी ने छात्रो को भगवत गीता का ग्रन्थ प्रदान किया तथा गीता का पाठ भी कराया।

डाक्टर तिवारी ने अपने उद्बोधन मे भगवत गीता को विश्व की अमूल्य धरोहर, समसामयिक, सार्वकालिक योग, संयोग तथा प्रयोग का ग्रन्थ बतलाया।उन्होने गीता के सात सौ श्लोको को जीवन संहिता का कोष निरूपित करते हुए प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की महौषधि कहा।इसमे कर्मयोग, भक्तियोग ज्ञानयोग सहित अठारह योगो का विश्वास वर्णन अठारह अध्यायो मे किया गया।सभी उपनिषदो को गाय बनाकर योगेश्वर श्रीकृष्ण स्वयं ग्वाला बनकर, जीवरूपी अर्जुन को बछडा बनाकर विश्व को उन्होने गीतामृत रूपी दूध प्रदान किया।

इसमे सभी को अपने कर्म करते हुए अपने-अपने धर्म पालन करने की शिक्षा दी गयी है।उक्त अवसर पर प्रधानपाठक जलेशराम पटेल, मनोज सिंह ध्रुव, सुरेश सिंह ध्रुव तथा भोलेश्वर जायसवाल एवम छात्रगण उपस्थित थे।*

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