छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

महिलाओं के अधिकारों के संबंध में जागरूक किये जाने हेतु विशेष विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया

दुर्ग। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वावधान में एवं  श्री राजेश श्रीवास्तव, जिला एवं सत्र न्यायाधीश /अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के मार्गदर्शन एवं अध्यक्षता में जिला न्यायालय दुर्ग के सभागार में महिलाओं के अधिकारों के संबंध में जागरूक किये जाने हेतु विशेष विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।

आयोजित जागरूकता कार्यक्रम मे राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग ने अपने उद्बोधन में बताया कि महिला जागरूकता हेतु यह दूसरा कार्यक्रम हैं, हर बार महिलाओं के अधिकारों के लिए जागरूक किये जाने हेतु उन्हें जागरूक किये जाने की आवश्यकता होती है। राज्यपाल एक महिला है, कई प्रशासनीक पदों पर महिला अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रही हैं। दुर्ग न्यायालय में 44 न्यायालय कार्यरत हैं, जिनमें 65 प्रतिशत से अधिक महिला न्यायाधीश कार्यरत हैं फिर भी महिलाओं के सशक्तिकरण की आवश्यकता क्यों होती है? वर्तमान परिस्थितियों में भी पढ़ी-लिखी महिला को भी राय लेने-देने का अधिकार नहीं है।

संविधान लैंगिक समानता की बात करता है किन्तु सामाजिक परिवेश में महिला को कानूनी जानकारी होते हुए भी वह बाल विवाह, दहेज प्रथा, भु्रण हत्या जैसे कुरितियों को सामना बिना विरोध के सहती है । जब कि पुरूषों से ज्यादा महिला प्रतिभाशाली होती है। आज के विधिक जागरूकता कार्यक्रम में महिला प्राचार्यों को विशेष रूप से सम्मिलित किया गया है ।

सम्मिलित किये जाने का कारण यह है कि वे अपने अध्यापकों को एवं विद्यालयों में पढऩे वाले बालक एवं बालिकाओं को दैनिक उपयोगी कानूनी जानकारी दे सकें । जहॉ तक संभव हो सके स्कूली प्रार्थना के समय कानून के बारे में बच्चों को बतायें । महिला सशक्त होगी तो परिवार, समाज , राज्य , देश सशक्त होगा ।

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