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टिकिट नही मिलने और उपेक्षा के कारण गुड्डू खान ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा

कहां 20 सालों से कांग्रेस का तन मन धन से सेवा के बाद भी नही दिया जा रहा है तवज्जो
कांग्रेस को गालिया देने वाले व दो तीन साल से कांग्रेस में आये लोगों को दिया जा रहा है प्राथमिकता
भिलाई। खुर्सीपार के कट्टर कांग्रेसी नेता इमामुद्दीन खान (गुड्ड खान) ने कांग्रेस द्वारा उपेक्षा किये जाने और पार्षद टिकिट नही दिये जाने के कारण सोमवार को अपने सभी पदों और कांग्रेस के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। गुड्डु खान ने अपना इस्तीफा जिला कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश चन्द्राकर, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष तुलसी पटेल सहित प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष मोहन मरकाम, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,मो. अकबर, गिरीश देवांगन को को भेजा है। इमामुद्दीन ने अपने इस्तीफा पत्र में उल्लेख किया है कि मैँ वर्ष 2000 से कांग्रेस पार्टी के साथ अपनी राजनीतिक शुरुआत वार्ड स्तर पर शुरूआत की व वर्ष 2003 से विधानसभा व जिला स्तर पर राजनीति शुरू किया। मैं युवा कांग्रेस के जिला महासचिव,ब्लाक मीडिया प्रभारी व अन्य पदो पर भी रहा। मुझे कांग्रेस पार्टी के संगठन द्वारा,मेरे वरिष्ट या क्षेत्र का नेतृत्व कर रहे नेताओ द्वारा जो भी कार्य दिया गया मैंने उसका पूरी जिम्मेदारी के साथ निर्वहन किया मैंने राशन कार्ड शिविर,पट्टा नवीनीकरण,सदयस्ता पर्ची,चुनाव में बूथ मैनेजमेंट(बूथ बाटना,बूथ एजेंट बैठाना,बूथ तैयार करने में क्चरुह्र के साथ मतदाता सूची तैयार करने में मदद करना,6 बूथों में 3 बूथ कांग्रेस पार्षद होने के बाद भी),जनसमस्याओं का निराकरण(वार्ड व अन्य स्तर पर नाली,पानी बिजली,रोड, पुलिया इत्यादि),रैली,चक्का जाम,जेल भरो आंदोलन,धरना प्रदर्शन,कोविड में जरूरतमंद के राशन दवा उपलब्ध कराना आदि सभी कार्यक्रमो में तन मन के साथ लगा रहा पिछले 15 वर्षों से राज्य म भाजपा की सरकार रहने पर भी मैने कभी भी कांग्रेस पार्टी के विचारधारा व सिद्धांतों समझौता नही किया निडऱ होकर कांग्रेस पार्टी के साथ लगा रहा। मैंने अपने राजनीतिक कैरियर में आप लोगों के प्यार के अलावा और कुछ नही पाया नही सिर्फ और सिर्फ खोया है। आज लगभग 15 वर्षो बाद वार्ड का आरक्षण अनारक्षित हुआ फिर न जाने कब होगा जिसे देखते हुए मैंने चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर की परंतु मुझे टिकिट नही दिया गया। आज के समय निगम में भी हर वार्ड में आदमी नियुक्त किया गया है हम निगम में जाते है हमारी कोई सुनवाई नही होती है क्या हम कांग्रेसी नही है? आज के समय की स्थिति ये है की 2 से 3 साल से जुड़े लोगों को सोसायटी, निगम में ठेका,अहाता संचालन, पार्षद की टिकिट दी जा रही है जो पहले कभी भी किसी भी नगरीय निकाय,विधानसभा, लोकसभा चुनाव में आज तक दिखाई नही दिये। और कुछ टिकिट तो ऐसे दिये गये है जिसे राजनीति में पैराशूट प्रत्याशी कहा जाता है पार्टी में बुलाकर जो लोग चुनाव के समय ही नही बल्कि हमेशा कांग्रेस का विरोध किया है जहाँ भी हो वो कांग्रेस पार्टी की बुराई ही करते दिखते थे। आखिर 1 या 2 साल से पार्टी जॉइन कर ऐसी कौन सी मेहनत कर लेते है जो 20 सालो के बराबर या उससे भी ज्यादा हो जाती है। मुख्यमंत्री के मेहनत पर पानी फेरने का प्रयास किया जा रहा है यदि ऐसा की चलता रहा तो इसका बहुत बड़ा असर विधानसभा चुनाव देखने को मिलेगा और चुनाव में कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो सकता है क्योंकि ये सिर्फ मेरी ही कहानी नही बल्कि और बहुत से लोगो के साथ ऐसा हो रहा है। आज मैं अपने 20 वर्षो के लंबे सफर का अंत करने जा रहा हूँ इतने ज्यादा समय कांग्रेस पार्टी के साथ बिताने के बाद मुझे ऐसा लग रहा है जैसा कि मैं पार्टी से नही बल्कि परिवार से अलग हो रहा हूं आपके साथ बिताये हर पल मुझे जीवन भर याद रहेंगें जीवन मे मुझे बहुत कुछ आप लोगो से सीखने को मिला।

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