छत्तीसगढ़

हजारों साल पहले का विकसित गांव,छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद लगातार उपेक्षित,वर्तमान समय में स्थिति बुरा हाल,वर्तमान सरकार के पास विकास के लिए रोडमैप नहीं Developed village thousands of years ago, continuously neglected after construction of Chhattisgarh, situation is bad at present, present government does not have roadmap for development

हजारों साल पहले का विकसित गांव,छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद लगातार उपेक्षित,वर्तमान समय में स्थिति बुरा हाल,वर्तमान सरकार के पास विकास के लि

पाटन–तहसील मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर बसे गांव तरीघाट जो खारून नदी के तट पर बसा हुआ व अपने ऐतिहासिक महत्व व धरोहर के लिए जाना जाता है, प्रदेश के लोग यहां इतिहास को जानने पहुंचते है,जहां पुरातत्व विभाग की खुदाई चल रही है, वहीं मां महामाया का मंदिर है जो प्रसिद्ध व लोगों के आस्था का केंद्र बिंदु बना हुआ है,जहां लोग दूर दूर से अपने मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं, परंतु इसके अलावा भी तरीघाट मे बहुत से चीजे है जिससे गांव प्रसिद्ध है, खेती ,किसानी जिसमे जिले भर में अव्वल दर्जे की होती है, तकनीको से किसान धान की खेती करते हैं, गांव मेंसरकारी अस्पताल है जिसमें ब्लॉक के अधिकतर लोग इलाज कराने आते हैं, हायर सेकंडरी स्कूल में आसपास के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं,इसके साथ लोग अपनी आवश्यकताओं की चीजों को खरीदने तरीघाट पहुचंते है ,अगर शासन प्रशासन यहां ध्यान दे तो तरीघाट एक बड़े बाजार के रूप में उभर सकता है, क्योंकि यहां की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण तीन जिलों के लोग एक दूसरे से जुड़ते हैं, और दुर्ग, भिलाई,पाटन, अभनपुर, रायपुर,राजीम,गरियाबंद ,कुरूद,भखारा,धमतरी,जैसे जगहों को जोड़ती है,सरकार या प्रशासन द्वारा सही तरीके से मास्टर प्लान तैयार कर तरीघाट को विकसित करे तो आसपास के लोगों को हरेक सुविधाएं उपलब्ध कराया जा सकता है,

मास्टर प्लान तैयार करने की आवश्यकता

तरीघाट को बड़े बाजार के रूप में स्थापित करने के लिए मास्टर प्लान बनाने की आवश्यकता है ,जिससे भविष्य में लोगों को सरकारी सुविधाओ के साथ प्राइवेट सेक्टर में चीजे विकसित हो या एक बाजार के रूप में तैयार किया जा सकता है, जहां आसपास के लोग अपने आवश्यक चीजो की पुर्ति कर सकते हैं

बुनियादी ढांचे सहित विकास की गति को प्रदान करते हुए विकसित करें

वर्तमान समय के हिसाब से गांव आसपास के लोगों को सुविधाएं मुहैया करा रहा है, लेकिन भौगोलिक दृष्टि से गांव सेंटर मे स्थित है, गांव के बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली पानी, शिक्षा,स्वास्थ्य, रोजगार के साधनों को और मजबूत बनाया जाये ,ताकि गांव के लोगों को के आसपास के लोगों को सुविधा मिले

भौगोलिक परिस्थितियों के कारण गांव तीन जिलो के संगम मे स्थित है..

तरीघाट गांव अपने भौगोलिक स्थिति के कारण दुर्ग, भिलाई, पाटन, अभनपुर, रायपुर, राजीम,नवापारा, गरियाबंद, भखारा, कुरूद,धमतरी, बालोद के लिए आवागमन होता है राहगीर तरीघाट रास्ते को आसान व सुरक्षित मानते हैं,व लोग यहीं से होकर अपने गंतव्य स्थान तक जाते हैं

सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस चौकी की आवश्यकता

तरीघाट खारून नदी के तट पर बसा हुआ है जहां तीन जिलो के लोगां के साथ भारी संख्या में लोगों का आवागमन होता है,इसलिए यहां चेक प्वाइंट बना है,लेकिन छिटपुट घटनाओं के मद्देनजर गांव में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस चौकी की आवश्यकता है,

बस स्टैंड की अत्यधिक आवश्यकता,

गांव आसपास से जुड़ा हुआ है इसलिए लोग अपने गंतव्य स्थान तक जाने के लिए इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं परंतु बस स्टैंड ना होने पर लोग इधर उधर भटकते रहते हैं ,अतः ग्रामीण क्षेत्र होने के साथ यहां सुसज्जित बस स्टैंड की आवश्यकता है

लोगों को जरूरत की चीजें खरीदने के लिए बड़े बाजार की जरूरत,पार्किंग की व्यवस्था मजबूत हो

बाजार का निर्माण बड़े स्तर
गांव में साप्ताहिक बाजार रविवार को आयोजित होता है, जो जगह छोटा हो जाता है, साथ ही व्यापारी वर्ग को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है,जिसमे टीना शेड निर्माण कार्य व पार्किंग स्थल तैयार किया जावे,ताकि लोग अपनी रोजमर्रा की चीजे खरीद सके,

शिक्षा के क्षेत्र में यहां छात्र जिले में स्थान बना हुए हैं,ग्रामीण जनो द्वारा नवीन भवन की मांग

गांव में हायर सेकंडरी स्कूल की स्थापना की गई है जहां के छात्रो का हमेशा उत्कृष्ट प्रदर्शन रहता है यहां के छात्रों ने अपना दबदबा जिले में कायम रखा है,परंतु हायर सेकंडरी स्कूल के लिए नवीन भवन की मांग व कृषि संकाय की म़ाग ग्रामीण हमेशा करते आये हैंआईटीआई के महाविद्यालय की जरूरत महसूस होती है

हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में बिस्तरों को संख्या बढ़ाया जाए,ग्रामीणो को चिकित्सा सुविधा गांव में ही मिले

गांव में स्थित हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में काफी दबाव रहता है, सुविधाएं उपलब्ध होने के साथ आसपास के लोगों की उम्मीद यहां जगी इसलिए इसके बिस्तरों की संख्या के साथ पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध कराने की आवश्यकता है

पर्यटन के दृष्टिकोण से सबसे महत्वपूर्ण स्थल

अगर पर्यटन की दृष्टि से देखा जाये तो जिले का एक मात्र गांव है जहां पुरातात्विक महत्व रखता है, यह़ा प्रदेश भर लोग घुमने आते हैं, वही मां महामाया का प्राचीन मंदिर जो लोगों के आस्था का केंद्र बिंदु बना हुआ है, जिससे और विकसित करने की आवश्यकता है साथ ही साथ खारून नदी की सफाई कर आसपास को डेवलपमेंट किया जा सकता है जिससे सौंदर्यकरण करने के साथ भारी संख्या में पर्यटक पहुंचने की संभावनाएं बनी हुई है

युवाओं ने खेलखुद की गतिविधियों के लिए जीम सहित मिनी स्टेडियम की मांग

खेलखुद मे क्षेत्र के लोगों के लिए व युवा वर्ग को मजबूत रखने जीम सहित मिनी स्टेडियम की आवश्यकता होती, जहां अधिकतर जगहों पर अतिक्रमण होने के साथ क्रिकेट, कबडडी खेलने या लोगों को एक सुरक्षित जगह की आवश्यकता है

पटवारी कार्यालय सहित विभागों के कार्यालय का निर्माण

आम लोगों को सरकारी सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए गांव में विभागीय कार्यालय की आवश्यकता है जहां वे तहसील में अधिकारी से काम नहीं होता, वहीं कम से कम कार्यालय बनने से सप्ताह में एक दिन बैठने की आवश्यकता है

गांव में अन्य सुविधाओं को उपलब्धता सुनिश्चित हो

वर्तमान समय में तरीघाट विकास की गति को अग्रसर है ही परंतु कुछ बड़े सुविधाओं जैसे बाजार, व्यवसायिक काम्प्लेक्स, अस्पताल में बिस्तरों की संख्या में बढोतरी,बस स्टैंड, मिनी स्टेडियम, पेट्रोल पंप, शिक्षा के क्षेत्र में आईटीआई,महाविद्यालय की स्थापना, पुलिस थाना, खारून नदी का सौंदर्यकरण व मरीन ड्राइव का निर्माण को तैयार कर विकसित किया जाना चाहिए

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